ढाका पहुंचते ही विदेश सचिव मिसरी कासख्त संदेश- पहले हिंदुओं की सुरक्षा तय करे बांग्लादेश सरकार (Video)
punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2024 - 05:30 PM (IST)
ढाका: बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ढाका में एक उच्च-स्तरीय बैठक के दौरान यह मुद्दा सख्ती से उठाया। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह दौरा प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव को कम करने और हिंदुओं पर हो रहे हमलों के प्रति भारत की चिंताओं को व्यक्त करने के लिए आयोजित किया गया है। विक्रम मिसरी ने अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ यह बात साझा की कि भारत सकारात्मक और रचनात्मक संबंधों की उम्मीद करता है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।
ढाका पहुंचने के बाद, विक्रम मिसरी ने कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। उन्होंने विदेश सलाहकार मोहम्मद जशीमुद्दीन के अलावा कार्यवाहक विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के साथ भी भेंट। इन बैठकों में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। बता दें कि अगस्त 2024 में बड़े पैमाने पर सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद छोड़ना पड़ा था। उनके हटने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार की कमान प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने संभाली। इस दौरान हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गए।
India Sends A Strong Message To Bangladesh
Secretary Vikram Misri in Dhaka says India “desires positive, constructive, mutually beneficial relationship”with Bangladesh.
This in the backdrop of attacks on Hindu Minorities
Raises these attacks as well.#Bangladesh #India pic.twitter.com/IBi5TeAriX
— Sneha Mordani (@snehamordani) December 9, 2024
मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ीं। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने भारत में गहरी चिंता पैदा की। मिसरी ने बांग्लादेश को साफ कर दिया कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना उसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि "हम बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और साझा हितों पर आधारित संबंध चाहते हैं। लेकिन इसके लिए वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा अनिवार्य है।" भारत और बांग्लादेश के बीच संबंध सुधारने के लिए इस दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लेकिन यह स्पष्ट है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके धार्मिक स्थलों की रक्षा के बिना भारत अपनी चिंताओं को नजरअंदाज नहीं करेगा।