पुलवामा हमले की बरसी: शहीद CRPF जवानों की याद में बने स्मारक का हुआ उद्घाटन
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 11:39 AM (IST)
श्रीनगर: पिछले साल फरवरी में हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद 40 सीआरपीएफ कर्मियों की याद में बनाए गए स्मारक का लेथपुरा कैंप में शुक्रवार को उद्घाटन आज किया गया। महाराष्ट्र के उमेश यादव ने यहां पर कलश सौंपा है, जिसमें सभी चालीस जवानों के घर की मिट्टी है। अब इस कलश को इसी स्मारक में रखा जाएगा।
Jammu and Kashmir: The soil collected by Maharashtra's Umesh Gopinath Jadhav from the houses and cremation grounds of the 40 CRPF jawans who lost their lives in 2019 #PulwamaAttack, being placed at the memorial at CRPF's Lethpora camp. https://t.co/jbr8PaCFci pic.twitter.com/G6C35yQhG2
— ANI (@ANI) February 14, 2020
सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने स्मारक स्थल का दौरा करने के बाद कहा यह उन बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि देने का तरीका है जिन्होंने हमले में अपनी जान गंवाई। स्मारक में उन शहीद जवानों के नामों के साथ ही उनकी तस्वीरें भी होंगी। साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का ध्येय वाक्य सेवा और निष्ठा भी होगा। हसन ने कहा निश्चित रूप से यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और हमने इससे सीख ली है। हम अपनी आवाजाही के दौरान हमेशा सतर्क रहते थे, लेकिन अब सतर्कता और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि 40 जवानों के सर्वोच्च बलिदान ने देश के दुश्मनों को खत्म करने का हमारा संकल्प मजबूत बना दिया है।
उन्होंने कहा हम आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान अतिरिक्त जोश से लड़ते हैं और यही कारण है कि अपने जवानों पर हमले के तुरंत बाद हम जैश-ए-मोहम्मद के कमांडरों को खत्म करने में सफल रहे। उन्होंने हालांकि उन सावधानियों के बारे में बताने से इंकार किया जो पिछले साल 14 फरवरी के हमले के बाद जवानों की आवाजाही के दौरान बरती जाती हैं। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि अब जवानों की आवाजाही अब अन्य सुरक्षा बलों और सेना के साथ समन्वय में होती है। गृह मंत्रालय ने इस तरह के किसी भी हमले की आशंका से बचने के लिए सीआरपीएफ को अपने जवानों को वायु मार्ग से ले जाने की अनुमति दी थी।
जम्मू कश्मीर सरकार ने जवानों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए सप्ताह में दो दिन निजी वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद बाद में आदेश को रद्द कर दिया गया। जवानों को ले जाने वाले वाहनों को बुलेट-प्रूफ बनाने की प्रक्रिया को तेज किया गया और सड़कों पर बंकर जैसे वाहन देखे जाने लगे।
यह स्मारक उस स्थान के पास सीआरपीएफ कैंप के अंदर बनाया गया है जहां जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी अदील अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार सुरक्षा बलों के काफिले से टकरा दी थी। इस हमले में 40 कर्मियों की मौत हो गई थी। इस हमले के लगभग सभी षडयंत्रकारियों को मार गिराया गया है और जैश-ए-मोहम्मद का स्वयंभू प्रमुख कारी यासिर पिछले महीने मारा गया।