महबूबा ने सर्जिकल स्ट्राइक 2 पर उठाए सवाल, कहा- सबूत दे मोदी सरकार

punjabkesari.in Sunday, Mar 03, 2019 - 06:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को बालाकोट हमलों की सत्यता पर सवाल उठाने वालों को ‘देशद्रोही’ बुलाने को चौंकाने वाला बताया। उन्होंने विपक्षी दलों से कहा कि बेरोजगारी और किसान संकट जैसे मुद्दों को बदलने के चुनावी विमर्श को बदलने के चक्कर में न पड़ें। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में 26 फरवरी को भारत ने हवाई हमले कर जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी शिविर को ध्वस्त कर दिया था।
   
PunjabKesari
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि बालाकोट हमलों के सिलसिले में राजनीतिक बातचीत को कमतर करने से केवल भाजपा को ही चुनावी फायदा होगा। उन्होंने ट्वीट किया कि जो लोग बालाकोट हमलों की सत्यता पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें राष्ट्र विरोधी कहना चौंकाने वाला है। हालांकि, विपक्षी दलों को हमले के मद्देनजर नोटबंदी, जीएसटी, बेरोजगारी और किसान संकट जैसे मुद्दों को छोड़कर पूरे चुनावी विमर्श को बदलने के झांसे में नहीं पडऩा चाहिए। महबूबा ने कहा कि देश के नागरिकों को बालाकोट अभियान की विश्वसनीयता के बारे में सवाल पूछने का अधिकार है, विशेष रूप से तब जब इसके विवरण के बारे में भारत सरकार अस्पष्ट है।
PunjabKesari

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना में की गयी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि  इससे कैसे दुश्मनों को मदद मिलती है। इससे भारत सरकार पर सवाल खड़ा होता है क्योंकि वह चुनावी लाभ लेने के लिए इसका फायदा उठाना चाहते हैं। दरअसल प्रधानमंत्री ने दावा किया कि आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमले के बाद विपक्षी दलों के लोग जिस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं वह केवल पाकिस्तान के लोगों को प्रसन्न करने वाला है। 
PunjabKesari
मोदी ने कहा कि बब उन्होंने हवाई हमले का भी सबूत मांगना शुरू कर दिया है । कांग्रेस और इसके सहयोगी दल क्यों हमारे बलों का मनोबल गिराने में लगे हुए हैं । वह ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं जिससे हमारे दुश्मनों को फायदा देने वाला है। महबूबा ने कहा कि वर्तमान में जब देशभक्ति की आड़ में युद्ध उन्माद और अंधराष्ट्रभक्ति एक उच्च स्तर पर है, तो ऐसे में बालाकोट हमलों के राजनीतिक विमर्श को कम करने की अनुमति केवल भाजपा को ही चुनावी फायदा देगा। पीडीपी प्रमुख ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राफेल सौदा, बेरोजगारी, खराब आर्थिक वृद्धि आदि को भुला दिया जाए ।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News