ईरान-इजरायल सीजफायर पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, कहा - ''आज मुबारक का दिन''
punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 01:50 PM (IST)

National Desk : ईरान और इजरायल के बीच चल रहे भारी तनाव के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर की घोषणा की है। ट्रंप ने कहा कि अगले छह घंटों में दोनों देशों के बीच संघर्षविराम लागू हो जाएगा। इस दौरान ईरान ने इजरायल पर मिसाइल दागे और कहा कि यदि आगे हमला नहीं होता तो वे भी सीजफायर को स्वीकार करते हुए आगे कोई हमला नहीं करेंगे।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ईरान की जनता, सेना और नेतृत्व की जमकर सराहना की।
ईमान सबसे बड़ी ताकत है – महबूबा मुफ्ती
न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, “ईरान ने जिस हौसले और जज्बे से लड़ाई लड़ी, वह काबिल-ए-तारीफ है। उनके पास न कोई आधुनिक हथियार था और न ही परमाणु शक्ति, लेकिन उनका सबसे बड़ा हथियार उनका 'ईमान' है। शहादत का जज्बा है। ईरान ने अमेरिका जैसे सुपरपावर के सहयोगी इजरायल को घुटनों पर ला दिया।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान की इस दृढ़ता ने उसे इस्लामी दुनिया में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है और उसके नेतृत्व को वैश्विक पहचान मिली है।
अमेरिका की नीतियों पर निशाना
महबूबा मुफ्ती ने अमेरिका की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका ने इजरायल के इशारे पर इराक, अफगानिस्तान, लीबिया और सीरिया जैसे देशों को तबाह किया। उन्होंने कहा, “अमेरिका लोकतंत्र की बात करता है, लेकिन उसके दोहरे मापदंड जगजाहिर हैं। डोनाल्ड ट्रंप के आने के बाद अमेरिका की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है। उनका व्यवहार और निर्णय दुनिया के लिए खतरे की घंटी हैं।”
सीजफायर को बताया ‘मुबारक दिन’
महबूबा मुफ्ती ने ईरान द्वारा रखी गई शर्त की सराहना की, जिसमें कहा गया कि यदि इजरायल हमला नहीं करेगा, तो वे भी सीजफायर का पालन करेंगे। उन्होंने इसे एक "मुबारक दिन" बताया और कहा कि अमेरिका और इजरायल शायद अब खुद ही संघर्षविराम चाहते हैं। ट्रंप को इस के लिए कतर से मध्यस्थता करवानी पड़ी।
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भारत-पाक रिश्तों पर भी दिया बयान
उन्होंने कहा कि जैसे भारत और पाकिस्तान भी युद्ध के मुहाने पर थे, वैसे ही यह हालात बन रहे थे। उनका मानना है कि अमेरिका ही कई बार युद्ध की शुरुआत करता है – चाहे सीधे तौर पर या परोक्ष रूप से। वहीं, उन्होंने चीन और रूस की भूमिका को सकारात्मक बताते हुए कहा कि उन्होंने ईरान का समर्थन करके अमेरिका को यह संदेश दिया है कि जिन देशों को वह तबाह करना चाहता है, दुनिया उनके साथ खड़ी हो रही है।