जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा स्थगित करने के मुद्दे पर समिति की बैठक रद्द की जाए : दूबे

punjabkesari.in Wednesday, Aug 26, 2020 - 05:53 PM (IST)

नयी दिल्ली: भाजपा सांसद और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधित संसद की स्थायी समिति के सदस्य निशिकांत दूबे ने बुधवार को समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर से जम्मू कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इंटरनेट सेवाओं को स्थगित करने के मुद्दे पर बुलाई गई समिति की बैठक रद्द करने की अपील की । दूबे ने थरूर को यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब एक दिन पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की सभी स्थायी समिति के अध्यक्षों को परामर्श जारी किया कि समिति की बैठक आयोजित करते समय नियमों एवं नियमन का सख्ती से पालन करें । बिरला ने यह परामर्श तब जारी किया जब सूचना और प्रसारण संबंधी स्थायी समिति में भाजपा और विपक्षी सदस्यों के बीच जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा स्थगित करने और अगली बैठक में फेसबुक को तलब करने के विषय पर आरोप प्रत्यारोप सामने आए ।

 

बहरहाल, दूबे ने थरूर को लिखे पत्र में कहा,"चूंकि यह मामला भारत के उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है और इस बारे में आगे चर्चा लोकसभा अध्यक्ष की ओर से जारी परामर्श का निरादर और प्रासंगिक नियमों एवं नियमन का फिर से उल्लंघन होगा ।" थरूर इस मुद्दे पर भाजपा सांसदों के आरोपों का सामना कर रहे हैं जो उन्हें समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की भी मांग कर रहे हैं । लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशों का उल्लेख करते हुए दूबे ने कहा कि परामर्श में स्पष्ट कहा गया है कि समिति की कार्यवाही को गोपनीय माना जायेगा और समिति ऐसे विषयों पर विचार नहीं करेगी जो अदालत में लंबित हो ।

 

भाजपा सांसद ने कहा,"इसलिये, मैं आपसे अपील करता हूं कि इस उद्देश्य के लिये बुलाई गई सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति की बैठक को तत्काल रद्द किया जाए ।" उन्होंने थरूर से आग्रह किया कि ऐसे मुद्दों को समिति के समक्ष विचारार्थ नहीं लाएं जो राष्ट्रीय महत्व के हों, अन्यथा समिति लोकसभा अध्यक्ष की इच्छा का फिर निरादर करती दिखेगी । भाजपा सांसद ने कहा कि संसदीय समितियों की बैठकों का संचालन अध्यक्ष के कंधे पर होता है और न केवल वे बल्कि आईटी समिति के अन्य सदस्यों ने अनुभव किया है कि बैठकों का एजेंडा मीडिया और कैमरा के सामने तय हुआ है।

 

दूबे ने कहा कि ऐसे मुद्दे जो समिति में गहन विचार विमर्श के बाद तय किये जाते हैं, वे पृष्टभूमि में चले जाते हैं जबकि छोटे मुद्दे समाचार की सुर्खियां बन सकते है, उन्हें विचार के लिये लिया जाता है। उन्होंने कहा,"इससे ऐसा संकेत मिलता है कि सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित समिति के मंच का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे और आधारहीन विवाद पैदा करने के लिये किया जा रहा है।"


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Monika Jamwal

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