MCD Election: केजरीवाल के सामने होंगी ये चुनौतियां और मुश्किलें

punjabkesari.in Wednesday, Apr 26, 2017 - 04:30 PM (IST)

नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि नगर निगम चुनाव में उनकी ही जीत होगी। लेकिन नतीजे आने के बाद साफ है कि जनता काम मांगती है बातें और दावे नहीं। अपने ही गढ़ में मिली मात के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए सियासी राह इतनी आसान नहीं होगी।

-जब से आम आदमी पार्टी बनी है, तभी से इसके नेता केजरीवाल के नेतृत्व पर सवाल खड़े करते रहे हैं। कई नेता तो केजरीवाल का साथ छोड़ चुके हैं। इस हार के बाद भी पार्टी को झटका लग सकता है।

-केजरीवाल का अब तक का कार्यकाल केंद्र सरकार और एलजी के दफ्तर के साथ उनके टकराव की वजह से सुर्खियों मे आता रहा है। हार के बाद अब भाजपा और आक्रामक हो सकती है। लिहाजा केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तू-तू, मैं-मैं बढ़ने के आसार हैं।


-केजरीवाल कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने शुरुआत दिल्ली से की है लेकिन वो हर राज्य में कांग्रेस-भाजपा को टक्कर देंगे। जबकि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने इसका विरोध किया था। उनका कहना था कि पार्टी का फोकस दिल्ली पर होना चाहिए, इसी वजह से उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया था। अब इन नतीजों से केजरीवाल को फिर से विचार करना होगा।

-भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष कोई ऐसा चेहरा सामने लाना चाहता है जो पीएम मोदी को चुनौती दे सके। इसके लिए नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने खुद  प्रोजेक्ट करने की कोशिश की है। वहीं केजरीवाल भी सामने आना चाहते हैं। यही वजह है कि उन्होंने वाराणसी में मोदी को सीधी टक्कर थी। अब इन नतीजों के बाद केजरीवाल खुद को मोदी के विकल्प के तौर पर पेश कैसे करेंगे।

-केजरीवाल जब पहली बार राजनीति में कूदे तो जनता ने उन्हें सिर आंकों पर बिठाया था, क्योंकि उन्हें एक नई क्रांति के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन पार्टी अपने एजेंडे से भक गई जिसका नतीजा साफ नजर आ रहा है। अगर केजरीवाल को फिर से अपने पैर जमाने हैं तो पार्टी को अपनी रणनीति बदलनी होगी।


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