Lok Sabha Election 2024 : क्या रायबरेली में जीत पाएंगे राहुल गांधी ? कौन हैं उनके सामने… जानिए यहां का समीकरण

punjabkesari.in Friday, May 03, 2024 - 02:41 PM (IST)

नैशनल डैस्क : लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट अब चर्चा का विषय बन चुकी है। दरअसल, यहां कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद बहुत कम थी। रायबरेली लोकसभा सीट कांग्रेस की पारंपरिक सीट मानी जाती है, लेकिन इस बार यहां पर मुकाबला कड़ा देखने को मिलने वाला है। कारण यह है कि रायबरेली सीट से राहुल गा्ंधी प्रत्याशी बन चुके हैं। हालांकि, घोषणा होने से पहले उम्मीद थी कि वह अमेठी से लड़ेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 

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क्या रायबरेली में जीत पाएंगे राहुल गांधी ?

अगर पिछले चुनावी नतीजे पर नजर डालें तो राहुल गांधी के लिए रास्ता आसान बन रहा है क्योंकि पिछली बार यहां से उनकी माता सोनिया गांधी ने भारी अंतर से जीत हासिल की थी। उन्होंने तब भाजपा के प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को 167,178 वोटों के अंतर से इस सीट पर हराया था। अब एक बार फिर कांग्रेस को दिनेश प्रताप सिंह टक्कर देने वाले हैं। प्रताप सिंह की रायबरेली क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। दरअसल, दिनेश प्रताप सिंह पहले कांग्रेस के एमएलसी रह चुके हैं और वह सोनिया गांधी के बेहद करीबी थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। जनता के बीच उनकी अच्छी पकड़ को देखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने दिनेश प्रताप सिंह को ही टिकट दिया था, लेकिन उन्हें सोनिया गांधी से हार नसीब हो गई थी। रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी चुनाव लड़ती रही हैं और पिछले चुनाव में भी उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी। यही वजह है कि इस सीट को लेकर कांग्रेस पार्टी काफी आत्मविश्वास में दिख रही है।

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रायबरेली में कांग्रेस की लहर

इसके अलावा अगर हम बात 2014 के चुनाव की करें तो रायबरेली में तब भी कांग्रेस की लहर थी। हालांकि, उस समय देश में मोदी लहर आई थी। 2014 में भी सोनिया गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा था। तब सोनिया को   5,26,434 वोट हासिल हुए थे, जबकि भाजपा के अक्षय अग्रवाल 1,73,721 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह सोनिया 3,52,713 वोटों से जीत दर्ज करने में कामयाब रही थीं। 

इंदिरा गांधी, राजीव गांधी भी यहां से जीत चुके हैं

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बता दें कि रायबरेली लोकसभा सीट पर 1952 के चुनाव के बाद से सबसे अधिक बार गांधी परिवार का कब्जा रहा है। राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी यहां से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और जीते। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के साथ-साथ दो बार यहां से अरुण नेहरू भी सांसद रह चुके हैं। ऐसे में गांधी परिवार की विरासत वाली सीट पर राहुल गांधी को उतारने का फैसला लिया गया।


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News Editor

Rahul Singh

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