SEBI ने Mutual Fund नियमों में किया बदलाव, 1 अप्रैल से होंगे लागू, जाने निवेशकों को क्या फायदा होगा?
punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 08:39 AM (IST)
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नेशनल डेस्क: भारतीय बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने म्यूचुअल फंड नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा मिलेगी। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) को न्यू फंड ऑफर (NFO) के जरिए जुटाई गई पूंजी को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर निवेश करने का निर्देश दिया गया है। नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे।
NFO फंड लगाने की नई समय सीमा
SEBI ने एएमसी को एनएफओ के तहत जुटाए गए धन को 30 दिनों के भीतर निवेश करने का निर्देश दिया है। पहले यह सीमा 60 दिन थी। यदि कोई एएमसी इस समय-सीमा में निवेश करने में विफल रहती है, तो निवेशक बिना किसी एग्जिट लोड के अपना पैसा वापस निकाल सकते हैं।
म्यूचुअल फंड स्कीम के लिए अनिवार्य तनाव परीक्षण
SEBI ने म्यूचुअल फंड योजनाओं के लिए तनाव परीक्षण (Stress Testing) अनिवार्य कर दिया है। यह नियम म्यूचुअल फंड स्कीमों की स्थिरता और जोखिम प्रबंधन को सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
AMC कर्मचारियों की सैलरी का हिस्सा भी म्यूचुअल फंड में होगा निवेश
SEBI ने यह भी निर्देश दिया है कि AMC कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश किया जाएगा। हालांकि, निवेश की राशि और स्कीम का चुनाव कर्मचारियों की भूमिका और निवेशकों के साथ उनके हितों के संरेखण पर आधारित होगा।
नए नियमों से निवेशकों को क्या फायदा होगा?
- बढ़ेगी पारदर्शिता – म्यूचुअल फंड कंपनियों को निवेशकों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया जाएगा।
- कम होगा निष्क्रिय पूंजी का खतरा – एनएफओ के तहत जुटाए गए फंड को जल्द निवेश करने से पूंजी निष्क्रिय नहीं पड़ेगी।
- उचित आवंटन सुनिश्चित होगा – एएमसी को फंड के बेहतर प्रबंधन के लिए बाध्य किया जाएगा।
- निवेशकों का पैसा तेजी से लगेगा – इससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ेगी।
SEBI के ये बदलाव म्यूचुअल फंड निवेशकों को अधिक सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करेंगे, जिससे इस क्षेत्र में निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।