CBI रिश्वत कांड: राकेश अस्थाना मामले में बिचौलिये की जमानत अर्जी खारिज

punjabkesari.in Tuesday, Nov 13, 2018 - 06:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की कथित संलिप्तता वाले रिश्वतखोरी मामले में गिरफ्तार बिचौलिये मनोज प्रसाद की जमानत याचिका मंगलवार को ठुकरा दी। न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने प्रसाद को यह कहते हुए राहत देने से इनकार कर दिया कि उसके खिलाफ लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उन्होंने सीबीआई के इस अभिवेदन का उल्लेख किया कि जांच महत्वपूर्ण चरण में है।  

निचली अदालत ने की याचिका खारिज  
सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी और अधिवक्ता राजदीपा बेहुरा ने जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि जांच अभी अहम चरण में है और प्रसाद का मामला अन्य आरोपियों के मामले से अलग है। दिल्ली उच्च न्यायालय से प्रसाद ने सोमवार को संपर्क किया था और मामले में जमानत मांगी थी। इससे पहले उसकी जमानत याचिका तीन नवंबर को यहां की एक निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। निचली अदालत ने प्रसाद को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उसे राहत देने का यह सही समय नहीं है। 

न्यायिक हिरासत में हैं प्रसाद 
सीबीआई ने प्रसाद को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। प्रसाद, अस्थाना और सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार ने उच्च न्यायालय में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है। निचली अदालत के समक्ष अपनी जमान याचिका में प्रसाद ने दावा किया था कि उसे हिरासत में रखकर पूछताछ किए जाने की आवश्यकता नहीं है तथा उसे और अधिक समय तक हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। जांच एजेंसी ने यह कहते हुए उसकी जमानत याचिका का विरोध किया था कि आरोपी एक प्रभावी व्यक्ति है और वह जारी जांच से छेड़छाड़ कर सकता है तथा न्याय से भाग सकता है।  

प्रसाद पर रिश्वत लेने का आरोप 
सीबीआई ने मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से संबंधित 2017 के मामले में जांच का सामना कर रहे हैदराबाद आधारित व्यवसायी सतीश सना की शिकायत पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था।  सना ने आरोप लगाया कि क्लीन चिट दिलाने में अधिकारी ने उसकी मदद की थी। एजेंसी ने प्रसाद को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार कर लिया था। सना ने आरोप लगाया था कि प्रसाद और उसके भाई सोमेश ने उसे क्लीन चिट दिलाने के लिए दो करोड़ रुपये लिए थे। 


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vasudha

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