राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुनाव में मनोज झा होंगे संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार

punjabkesari.in Thursday, Sep 10, 2020 - 10:49 PM (IST)

नई दिल्लीः विभिन्न विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को राजद नेता मनोज झा को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए होने वाले चुनाव में अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है। इस पद के लिए 14 सितंबर को चुनाव होने हैं। मनोज झा विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। मनोज झा राजग उम्मीदवार और जद (यू) सदस्य हरिवंश के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। हरिवंश अपने पिछले कार्यकाल तक उपसभापति थे। वह एक बार फिर बिहार से उच्च सदन के लिए चुने गए हैं। 

झा राजनीति में आने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। वह राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं। राजद और जद (यू) बिहार की धुर विरोधी पार्टियां हैं। राज्य में जल्दी ही विधानसभा चुनाव होने हैं। सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश और तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, द्रमुक, आप तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेता शुक्रवार को नामांकन दाखिल करने के समय मनोज झा के साथ रहेंगे। कांग्रेस ने कहा था कि वह उपसभापति पद को निर्विरोध नहीं जाने देगी और उसने संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया। 

इस बीच राज्यसभा सदस्य एम वी श्रेयमस कुमार ने मनोज झा की उम्मीदवारी का समर्थन किया और कहा कि उनकी जीत देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए "महत्वपूर्ण" है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रोफेसर मनोज झा की उम्मीदवारी को अपना समर्थन देता हूं।'' लोकतांत्रिक जनता दल नेता कुमार ने एक बयान में कहा कि विपक्षी एकता और अपने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए मनोज झा की उम्मीदवारी और उनकी जीत महत्वपूर्ण है। 

हरिवंश ने पिछली बार अगस्त 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस नेता बी के हरिप्रसाद को 105 मतों की तुलना में 125 मतों से पराजित किया था। उस समय से उच्च सदन में राजग की स्थिति और मजबूत हुयी है। हरिवंश ने बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बातचीत की और उनसे हरिवंश के लिए अपनी पार्टी का समर्थन मांगा। पटनायक की पार्टी बीजद ने पिछले चुनाव में हरिवंश का समर्थन किया था। 


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Pardeep

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