Manipur Violence: राष्ट्रपति शासन में भी नहीं थमा मणिपुर का विवाद, फिर से भड़की हिंसा
punjabkesari.in Saturday, Apr 05, 2025 - 11:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मणिपुर में लंबे समय से जारी जातीय तनाव एक बार फिर उग्र होता दिख रहा है। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद राज्य के कांगपोकपी जिले में नागा बहुल गांव के प्रधान पर हमला हुआ है, जिसके बाद दो जनजातियों के बीच फिर से माहौल गरमा गया है। जानिए पूरी घटना और इसके पीछे की वजह। शनिवार को मणिपुर के कोंसाखुल गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया जब दोपहर 12.15 बजे के आसपास कथित तौर पर कुकी समुदाय के हथियारबंद उग्रवादी गांव में घुस आए और वहां के प्रधान समेत कई लोगों को बुरी तरह पीट डाला। इस हमले में ग्राम प्रधान ऐमसन अबोनमई गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत इलाज के लिए इंफाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) में भर्ती कराया गया है।
क्यों हुआ हमला? सामने आया भूमि विवाद
स्थानीय लोगों और चश्मदीदों के अनुसार, यह हमला एक पुराने भूमि विवाद को लेकर किया गया है। बताया जा रहा है कि हमलावर पड़ोसी हराओथेल गांव से आए थे जो कुकी समुदाय का है, जबकि कोनसाखुल गांव नागा बहुल क्षेत्र में आता है। दोनों गांवों के बीच पहले से ही भूमि को लेकर तनाव का इतिहास रहा है और इस घटना ने उस आग को फिर से भड़का दिया है।
घायल ग्रामीणों की स्थिति अब स्थिर
इस हमले में कुल 9 लोग घायल हुए हैं जिनमें ग्राम प्रधान समेत 8 अन्य ग्रामीण शामिल हैं। इन सभी को इलाज के लिए नजदीकी खुरखुल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद कुछ को RIMS भेजा गया। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक सभी की हालत अब खतरे से बाहर है।
क्षेत्र में बढ़ाई गई सुरक्षा, पुलिस सतर्क
घटना के तुरंत बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने कोंसाखुल गांव और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। जिला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा है कि “शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं”। फिर भी गांव में तनावपूर्ण शांति का माहौल बना हुआ है।
रोंगमेई नागा परिषद ने जताई नाराजगी
हमले के बाद रोंगमेई नागा परिषद के उपाध्यक्ष अथुआन गंगमेई ने बयान जारी कर घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “हम कुकी नेताओं से अपील करते हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाए क्योंकि इससे पहाड़ी इलाकों में अशांति फैल सकती है, खासकर जब राज्य पहले ही जातीय संघर्ष से जूझ रहा है।”
राज्य में पहले से जारी है मैतेई-कुकी संघर्ष
मणिपुर में बीते साल से ही कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा का माहौल बना हुआ है। कई इलाकों में जान-माल की भारी क्षति हुई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बावजूद अभी तक पूरी तरह से शांति बहाल नहीं हो सकी है और इस हालिया घटना ने नागा और कुकी समुदायों के बीच नए टकराव को जन्म दे दिया है।