40 साल से राष्ट्रपति भवन के पास गुफा बनाकर रह रहा था यह आदमी, ऐसे खुली पोल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 13, 2016 - 01:26 PM (IST)

नई दिल्ली: सुरक्षा एजेंसियों में उस समय हड़कंप मच गया जब राष्ट्रपति भवन के पास जंगल की दीवार को एक संदिग्ध को कूदते देखा गया। किसी आतंकी गतिविधि की आशंका से पुलिस ने तुरंत एक टीम तैयार की और जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। आखिरकार पुलिस ने सफेद दाढ़ी वाले गाजी नूरल हसन को पकड़ लिया और उसे पूछताछ के लिए चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पूछताछ के दौरान हसन ने कुछ ऐसा बताया कि पुलिस भी हैरान रह गई। दरअसल 68 साल का हसन  पिछले 40 सालों से प्रेजिडेंट स्टेट के तुगलक काल के स्मारकों के नीचे एक गुफा में रह रहा था। हसन ने बताया कि इस गुफा को उसने खुद खोदा और रहने लायक बनाया। वह यहां अपने 22 साल के बेटे मोहम्मद नूर के साथ रहता है।

वोटर कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक बनाया
हसन के पास पिछले 20 साल से वोटर आईडी, पासपोर्ट, वैध इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन है। इन सभी डॉक्युमेंट्स में पता मजार का लिखा हुआ था। हसन का कहना है कि इस सब का कार्यवाहक वही था।

पुलिस को भनक तक नहीं लगी
पुलिस का कहना है कि उन्हें जंगल के अंदर मौजूद मजार के संबंध में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस जब वहां पहुंची तो गुफानुमा कमरे में गाजी नुरुल हसन (68) और मोहम्मद नूर (22) मिले।

पूर्व राष्ट्रपति ने किया था धार्मिक गुरु नियुक्त
अपनी जिंदगी के बारे में हसन ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह धार्मिक गुरु और उर्दू लेखक था और बाद में वह प्रजिडेंट स्टेट में शिफ्ट हो गया। पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने हसन को धार्मिक गुरु के तौर पर नियुक्त किया था। हसन ने राष्ट्रपति के आग्रह पर कई परिवारों को उर्दू सिखाई। एक बार कुछ जड़ी-बूटियों की खोज करते हुए वह मज़ार तक आ गया। हसन ने बताया कि तब मैंने वहां पर खुदाई करने का और रहने लायक जगह बनाने का फैसला लिया।

दीवार फांदने की बात पर हसन ने कहा कि पहले वह बॉडीगार्ड लाइन के गेट से होते हुए ही अंदर जाता था लेकिन अब गेट बंद कर दिया जाता है इसलिए उसके पास दीवार फांद के जाने के अलावा और कोई चारा ही नहीं था।


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