बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश बरकरार, सुप्रीम कोर्ट से ममता सरकार को झटका
punjabkesari.in Tuesday, Jun 20, 2023 - 01:29 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में ममता सरकार और राज्य चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट के केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ अर्जी खारिज हो गई है।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि यह सच है कि उच्च न्यायालय के आदेश का आशय राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है क्योंकि यहां एक ही दिन में पंचायत चुनाव हो रहे हैं। उच्च न्यायालय ने 15 जून को राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में 48 घंटे के अंदर केंद्रीय बलों की मांग की जाए और उन्हें तैनात किया जाए।
अदालत ने कहा था कि उसने चुनावी प्रक्रिया के लिए 13 जून को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय बलों को तैनात करने का आदेश दिया था और तभी से कोई सराहनीय कदम नहीं उठाया गया है। उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि राज्य के उन सभी जिलों में केंद्रीय बलों को तैनात करने की मांग की जाए जहां आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हिंसा देखी गयी।
बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की मंगलवार को सराहना की और इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए ‘सबक' और तृणमूल कांग्रेस के लिए ‘नैतिक हार' करार दिया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई है। वह न केवल हिंसक गतिविधियों को संरक्षण दे रही है बल्कि उसने राज्य में हिंसा रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों को रोकने के लिए संवैधानिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।' त्रिवेदी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘राज्य चुनाव आयोग के लिए सलाह' के तौर पर देखा जा सकता है कि उसे ‘राज्य सरकार के औजार के रूप में काम करने' के बजाय राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पंचायत चुनाव सुनिश्चित करने चाहिए।