पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा SIR! ममता बनर्जी ने केंद्र को दी सीधी चुनौती
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 07:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन (SIR) पर सख्त विरोध जताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल में SIR को लागू नहीं होने दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पश्चिम बंगाल की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना अलग है और यहां की जनता को किसी भी तरह के दबाव या धमकी के माध्यम से मताधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
ममता बनर्जी का बयान
सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती दी और कहा कि बंगाल में अलग-अलग समुदाय हैं, जिन्हें हटाना या प्रभावित करना आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि बिहार में SIR लागू होने की वजह वहां की एनडीए सरकार और केंद्रीय एजेंसियों की मदद थी, लेकिन बंगाल की सामुदायिक संरचना पूरी तरह अलग है। उन्होंने कहा कि यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय हैं।
SIR को बताया फर्जी
ममता ने SIR को फर्जी और जनता को दरकिनार करने वाला उपाय बताया। उन्होंने कहा कि इसमें केवल कुछ अधिकारियों को बैठकों में बुलाकर धमकाया जाता है और राज्य सरकार को इन चर्चाओं से पूरी तरह बाहर रखा जाता है। सीएम ने संकेत दिया कि पश्चिम बंगाल के CEO के खिलाफ भी कई शिकायतें हैं, जिनका खुलासा वह सही समय पर करेंगी।
वोटरों के नाम हटाने की कोशिश
सीएम ने आरोप लगाया कि SIR की आड़ में असली वोटरों के नाम हटाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि असम सरकार बंगाल के मतदाताओं को सूचना कैसे भेज सकती है और SIR शुरू होने से पहले केंद्रीय मंत्री डेढ़ करोड़ वोटरों के नाम हटाने की घोषणा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से निष्पक्षता बनाए रखने की उम्मीद जताई।
लोकतंत्र और निष्पक्षता पर जोर
ममता ने कहा कि लोकतंत्र के स्तंभ संविधान और आम जनता हैं, किसी को भी किसी नागरिक के वोट के अधिकार को छीनने का अधिकार नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार और उसके निर्देशों पर काम करने वाली एजेंसियों की कड़ी निंदा की और कहा कि दिल्ली में एक ‘मीर जाफर’ भी बैठा है।
सीएम ने चेताया कि अगर असली मतदाताओं के नाम हटाए गए, तो बंगाल की जनता ऐसा जवाब देगी, जैसा अन्य किसी राज्य ने नहीं दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बंगाल की जनता अपने मताधिकार की रक्षा के लिए हमेशा सजग और सक्रिय रहेगी।