चिप्स और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए SEZ नियमों में बड़ी छूट
punjabkesari.in Thursday, Jun 05, 2025 - 04:03 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक घटकों के उच्च तकनीक विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी हालिया अधिसूचना के अनुसार, अब इन क्षेत्रों में निवेश करने वाली इकाइयों के लिए न्यूनतम भूमि की आवश्यकता 50 हेक्टेयर से घटाकर मात्र 10 हेक्टेयर कर दी गई है। सरकार द्वारा SEZ नियमों में यह ढील इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योगों के लिए निवेश को आकर्षित करने और उत्पादन बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल उच्च तकनीक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत को विश्व में तकनीकी विनिर्माण हब के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
कौन-कौन से सेक्टरों को मिलेगा लाभ
यह राहत मुख्य रूप से सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले मॉड्यूल सब-असेंबली, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड, लिथियम-आयन बैटरी सेल, मोबाइल और आईटी हार्डवेयर घटक, हियरेबल्स और वियरेबल्स सहित उच्च तकनीक विनिर्माण इकाइयों के लिए लागू होगी। सरकार का उद्देश्य इन अत्याधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना और देश में चिप्स तथा इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को मजबूत करना है।
नियमों का प्रभाव और तिथि
विशेष आर्थिक क्षेत्र (संशोधन) नियम, 2025 के तहत ये बदलाव 15 जून, 2021 से प्रभावी हो चुके हैं। इस कदम से छोटे एवं मध्यम उद्योगों को भी SEZ क्षेत्र में आने में मदद मिलेगी क्योंकि भूमि की कम आवश्यकताओं के कारण अधिक उद्यम इस योजना का लाभ उठा पाएंगे।
नीति के संभावित फायदे
इस संशोधन से भारत में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में देश की भागीदारी मजबूत होगी। इसके साथ ही आयात पर निर्भरता कम होगी और रोजगार के अवसरों में वृद्धि संभव होगी। यह नीति देश के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी मजबूत करेगी।