महाराष्ट्र भाषा विवाद: अपनी हिंदी बोलने की जिद्द पर पिट गया रिक्शा चालक, जबरन माफ़ी मंगवाई गई, देखें विडियों
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 05:04 PM (IST)

नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में मराठी भाषा को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया जब एक प्रवासी रिक्शा चालक पर शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के समर्थकों ने सार्वजनिक रूप से हमला कर दिया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें चालक को पीटा जाता हुआ साफ दिखाई दे रहा है।
मराठी में बात न करने पर भड़के कार्यकर्ता
विवाद की शुरुआत कुछ दिन पहले हुई थी जब उत्तर प्रदेश के निवासी भावेश पडोलिया और एक प्रवासी रिक्शा चालक के बीच विरार रेलवे स्टेशन के पास बहस हुई। वायरल वीडियो में देखा गया कि रिक्शा चालक, जब मराठी में बात करने के लिए कहा गया, तो उसने बार-बार “मैं हिंदी बोलूंगा” कहा। वह यह भी कहता नजर आया कि उसे हिंदी और भोजपुरी में संवाद करना ज्यादा सहज लगता है।
सरेआम की गई पिटाई, माफ़ी मांगने पर किया गया मजबूर
शनिवार को शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस से जुड़े लोगों के एक समूह ने उसी रिक्शा चालक को स्टेशन के पास पकड़ लिया। वीडियो में देखा गया कि समूह के कुछ सदस्यों, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, ने चालक को थप्पड़ मारे और अपमानजनक व्यवहार किया। चालक को सार्वजनिक रूप से पडोलिया, उनकी बहन और महाराष्ट्र राज्य से माफ़ी मांगने पर मजबूर किया गया। समूह का दावा था कि चालक ने मराठी भाषा और महाराष्ट्र की संस्कृति का "अपमान" किया है और उसे "सबक सिखाना ज़रूरी" था।
हिंदी मराठी भाषा विवाद में कुछ दिन पहले विरार के एक ऑटो चालक ने हिंदी - भोजपुरी में ही बोलूंगा कहा था जिसका वीडियो वायरल हुआ था, कल शिवसेना यूबीटी और मनसे के कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई कर दी।#महाराष्ट्र #मराठी #भाषा #विवाद #MaharashtraPolitics #MNS #ShivsenaUBT #Vasai pic.twitter.com/DeFbsQxvez
— Pravin Pandey - प्रवीण पाण्डेय (@pravin_news) July 13, 2025
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने दी प्रतिक्रिया
विरार शहर में शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख जाधव, जो घटनास्थल पर मौजूद थे, ने बाद में बयान देते हुए कहा, “हमने उसे सच्ची शिवसेना शैली में जवाब दिया। अगर कोई मराठी भाषा या मराठी मानुष का अपमान करेगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। उसे राज्य और मराठी जनता से माफ़ी मांगनी पड़ी।”
पुलिस ने नहीं दर्ज किया कोई मामला
इस घटना की सार्वजनिक प्रकृति और वायरल वीडियो के बावजूद, पालघर पुलिस ने अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। पीटीआई से बातचीत में पुलिस अधिकारियों ने कहा, “हम वीडियो की जांच कर रहे हैं और तथ्य जुटा रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी पक्ष ने कोई औपचारिक शिकायत नहीं दर्ज कराई है।” इस मामले ने एक बार फिर महाराष्ट्र में भाषा और क्षेत्रीय पहचान से जुड़े विवादों को हवा दे दी है। साथ ही, सार्वजनिक हिंसा और दबाव में माफ़ी मंगवाने जैसी घटनाओं पर पुलिस की निष्क्रियता भी सवालों के घेरे में है।