Maharashtra: उद्धव सरकार ने पास किया फ्लोर टेस्ट, BJP ने किया वॉकआउट

punjabkesari.in Saturday, Nov 30, 2019 - 03:34 PM (IST)

मुंबई: उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास आघाडी गठबंधन सरकार ने राज्य विधानसभा में शनिवार को विश्वासमत हासिल कर लिया। विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) दिलीप वाल्से पाटिल ने सदन को बताया कि कुल 169 विधायकों ने विश्वासमत के समर्थन में वोट किया। उन्होंने बताया कि चार विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव के खिलाफ किसी ने वोट नहीं किया क्योंकि 288 सदस्यीय विधानसभा में विधायकों की गिनती शुरू होने से पहले ही भाजपा के सभी 105 विधायक वाकआउट कर गए। इस गठबंधन में शिवसेना,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं। 

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इससे पहले उद्धव सरकार के बहुमत परीक्षण के बीच बीजेपी के सदस्यों ने वॉक आउट किया। बाहर आकर बीजेपी के विधायक नारेबाजी कर रहे हैं । उनका कहना है कि यह सब गलत तरीके से हो रहा है। इससे पहले सत्र की शुरुआत होते ही बीजेपी के विधायकों ने यह कहते हुए हंगामा किया कि अधिवेशन नियमों के खिलाफ बुलाया गया है। बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह अधिवेशन नियमों और संविधान के खिलाफ बुलाया है। उन्होंने कहा कि यह सदन वंदे मातरम के साथ शुरू होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सदन की शुरुआत राष्ट्रीय गीत के साथ होने का नियम रहा है।

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महीने भर तक चली राजनीतिक नूरा कुश्ती के बाद बनी है सरकार
मालूम हो कि राज्य में लगभग 1 महीने तक जारी उठापटक के बाद ही उद्धव टाकरे के नेतृत्व में सरकार बनी है। इससे पहले बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन टूटने से ही उद्धव ठाकरे ने महा विकास अघाड़ी के साथ जाना तय किया था। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन किया है। उद्धव ठाकरे ने अपने पहवे केबिनेट के बैठक में छत्रपति शिवाजी के राजधानी रायगढ़ के लिये 20 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। इसके साथ ही उद्धव ने आरे में मेट्रो प्रोजेक्ट को रोकने का भी निर्णय लिया है। राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को सीएम कार्यालय जाकर विधिवत रुप से अपना कार्यभार संभाल लिया है। 

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कांग्रेस ने डिप्टी सीएम पद की मांग रखकर बढ़ाई उद्धव सरकार की मुश्किलें
वहीं महाराष्ट्र (Maharashta) में उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार को अभी कई चुनौतियों से पार करना है। जिसमें सबसे पहले शक्ति परीक्षण से ही गुजरना होगा, लेकिन उनकी सरकार की मुश्किलें यहीं खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, सहयोगी कांग्रेस (Congress) ने भी डिप्टी सीएम पद पर दावा ठोक दिया है।जिससे शिवसेना (Shivsena) असहज हो गई है।  एनसीपी (NCP) ने पहले ही डिप्टी सीएम पद के लिये अपनी दावेदारी पेश की थी। तीनों दलों के बीच हुए सहमति के आधार पर ही यह तय हुआ था कि कांग्रेस को विधानसभा स्पीकर का पद तथा एनसीपी को डिप्टी सीएम का पद देने पर देने की बात हुई थी।
 

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Edited By

Anil dev

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