महाराष्ट्रः सीएम और डिप्टी सीएम ने मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे पर भरा फर्राटा, 11 दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

punjabkesari.in Sunday, Dec 04, 2022 - 09:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे के नव निर्मित पहले चरण के निरीक्षण के लिए नागपुर और शिरडी शहरों के बीच रविवार को ‘टेस्ट ड्राइव' ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 दिसंबर को इसका उद्घाटन करेंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मुद्दों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जालना शहर में शिंदे और फडणवीस को काले झंडे दिखाए। इन मुद्दों में किसानों के लंबित बिलों के कारण बिजली के कनेक्शन काटना और छत्रपति शिवाजी महाराज पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा हाल में दिए गए बयान शामिल हैं।

जिला सूचना कार्यालय ने बताया कि चार पहिया वाहन में सवार होकर दोनों नेताओं ने नागपुर में दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर समृद्धि एक्सप्रेसवे के ‘जीरो प्वाइंट' से अपने काफिले के साथ शिरडी की ओर यात्रा शुरू की। फडणवीस चालक की सीट पर बैठे थे जबकि शिंदे उनकी बगल वाली सीट पर बैठे थे। उनके साथ महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) के प्रबंध निदेशक राधेश्याम मोपालवर और कुछ अधिकारी थे। इस 701 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे का आधिकारिक नाम ‘हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग' है।

यह एक्सप्रेसवे 49,250 करोड़ रुपये की लागत से बना है और यह 10 जिलों में 392 गांवों से होकर गुजरता है। नागपुर में यात्रा शुरू करने से पहले शिंदे ने कहा कि समृद्धि एक्सप्रेसवे एक बड़ी परियोजना साबित होगी, जिससे दोनों शहर अधिक करीब आएंगे और व्यापार बढ़ेगा। नागपुर से शिरडी जाते वक्त दोनों नेता प्रत्येक जिले में रुके जहां उनका स्वागत किया गया। जब दोपहर साढ़े तीन बजे वे जालना शहर के बाहरी इलाके में पहुंचे तो केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे और राज्य के पूर्व मंत्री अर्जुन खोटकर ने शिंदे और फडणवीस का स्वागत किया।

हालांकि, कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता आयोजन स्थल पर पहुंचे और भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाए। रविवार सुबह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कार्यकर्ताओं ने नागपुर हवाई अड्डे के समीप लगाए कर्नाटक सरकार के पर्यटन विभाग के पोस्टर फाड़ डाले। पार्टी प्रमुख नितिन तिवारी के नेतृत्व में उन्होंने कर्नाटक सरकार के खिलाफ नारे लगाए। गौरतलब है कि बेलगाम और मराठी भाषी कुछ अन्य गांवों जैसे इलाकों को लेकर दशकों पुराना सीमा विवाद हाल में फिर सामने आ गया जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सांगली में अक्कलकोट, सोलापुर और जाट तालुक के ‘‘कन्नड़ भाषी' कुछ इलाकों का दक्षिण राज्य में विलय करने की मांग की।

 


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Content Writer

Yaspal

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