महाकुंभ भगदड़ पर वायरल भ्रामक वीडियो, पुलिस ने दर्ज की FIR, सात Instagram अकाउंट्स पर कार्रवाई
punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2025 - 11:33 AM (IST)
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला इस समय दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में इस मेले के दौरान मौनी अमावस्या पर एक भगदड़ मच गई, जिसमें अफवाहों और गलत जानकारी का सिलसिला भी तेज़ हो गया। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस घटना को लेकर भ्रामक वीडियो पोस्ट किए, जिनसे समाज में डर और अशांति फैलने की कोशिश की गई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सात इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर एफआईआर दर्ज की है।
अफवाहें और वायरल वीडियो ने मचाया हड़कंप
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में हुए भगदड़ के बाद कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया। इनमें एक वीडियो विशेष रूप से वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि महाकुंभ में मारे गए लोग शवों को नदी में प्रवाहित कर दिए जा रहे हैं और इन शवों की किडनी निकालने की भी बात की जा रही है। यह वीडियो न केवल गलत था, बल्कि किसी और जगह के वीडियो को प्रयागराज के महाकुंभ का बताकर पोस्ट किया गया था। पुलिस ने इस वीडियो की जांच की और पाया कि यह वीडियो नेपाल का था, लेकिन इसे महाकुंभ से जोड़कर अफवाह फैलाने की कोशिश की गई।
पुलिस का एक्शन और FIR
इसके बाद पुलिस ने बिना देर किए कार्रवाई की और महाकुंभ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सात इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर एफआईआर दर्ज की। ये सभी अकाउंट्स भ्रामक वीडियो और खबरें फैलाने में शामिल थे। जिन अकाउंट्स पर FIR की गई है, उनकी सूची कुछ इस प्रकार है:
- ब्रजेश कुमार प्रजापति (@brajeshkmpraja)
- राज्जन शाक्य (@RAJJANS206251)
- अशफाक खान (@AshfaqK12565342)
- सत्यप्रकाश नगर (@Satyapr78049500)
- प्रियंका मौर्या (@Priyank232332)
- आकाश सिंह भारत (@Akashsinghjatav)
- अभिमन्यू सिंह पत्रकार (@Abhimanyu1305)
इसके साथ ही इंस्टाग्राम अकाउंट "टाइगर यादव" (@tigeryadav519) से एक और वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें नाटकीय रूप से यह दिखाने की कोशिश की गई थी कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के शवों को नदी में फेंका जा रहा है। पुलिस ने इस वीडियो को भी खारिज किया और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की।
सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश
पुलिस ने कहा कि इस प्रकार के भ्रामक वीडियो और खबरें फैलाकर उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। इन वीडियो के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा था कि महाकुंभ में कोई बड़ी त्रासदी हुई है, जबकि वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग थी। पुलिस का कहना है कि इस तरह के अफवाह फैलाने से समाज में असुरक्षा का माहौल बनता है और यह पूरी तरह से अवैध है।
पुलिस का निर्देश
पुलिस ने यह भी कहा कि किसी भी तरह के भ्रामक वीडियो और अफवाहों को रोकने के लिए वे लगातार निगरानी रख रहे हैं। सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी सलाह दी कि :