Madhya Pradesh: दमोह में सामने आई डॉक्टरों की लापरवाही, स्वस्थ बच्चों को जन्म देने के बाद चार महिलाओं की मौत

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2024 - 05:54 AM (IST)

भोपालः मध्यप्रदेश के दमोह में जिला अस्पताल में एक ही दिन स्वस्थ बच्चों को जन्म देने वाली चार महिलाओं की पिछले तीन सप्ताह के दौरान मौत हो गई है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बुधवार को इलाज के दौरान एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो सभी चारों मामले सामने आये। अधिकारियों ने बताया कि लक्ष्मी चौरसिया (29), हर्षना कोरी (30), निशा परवीन (28) और हुमा खान (30) को चार जुलाई को प्रसव के लिए दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

चौरसिया के परिजनों ने दावा किया कि चिकित्सकों ने कहा था कि सामान्य तरीके से उनका प्रसव होगा, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने सिजेरियन से प्रसव कराया। एक महिला के पति सचिन ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि जन्म देने के बाद उनकी पत्नी ने पेट में तेज दर्द की शिकायत की और चार जुलाई की रात को उसकी मौत हो गई। कोरी के परिवार के सदस्यों ने बताया कि हर्षना को सामान्य प्रसव के बाद अस्पताल के गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया था और अगली सुबह यानी पांच जुलाई को उसकी मौत हो गई।

परवीन के एक रिश्तेदार ने बताया, ‘‘हमने मिठाइयां बांटीं, लेकिन कुछ घंटों के बाद उसने शिकायत की कि उसे पेशाब नहीं आ रहा है।'' निशा परवीन ने सी-सेक्शन प्रक्रिया के जरिए बच्चे को जन्म दिया। उन्होंने बताया, ‘‘चिकित्सकों ने हमें बताया कि उसकी किडनी फेल हो गई है। उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल ले जाया गया और डायलिसिस किया गया। दो दिन पहले उसकी मौत हो गई।''

हुमा खान का प्रसव भी सिजेरियन के जरिए कराया गया और उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ समय बाद उसने पेशाब नहीं आने की शिकायत की और उसे जबलपुर अस्पताल ले जाया गया और डायलिसिस किया गया। उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि बुधवार को उसकी मौत हो गई।

खान के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को यहां हाटा इलाके में सड़क जाम कर उसकी मौत की जांच की मांग की। दमोह के जिलाधिकारी सुधीर कोचर ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह और भी गंभीर है, क्योंकि जैसा कि बताया गया है मृत महिलाओं का स्वास्थ्य (प्रसव से पहले) ठीक था।'' उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक द्वारा जांच के आदेश दिए हैं।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव ने बताया कि चार जुलाई को अलग-अलग चिकित्सकों द्वारा पंद्रह आपातकालीन ऑपरेशन किए गए थे। डॉ. नामदेव ने बताया कि जबलपुर में किडनी संक्रमण से दो महिलाओं की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सरकारी सागर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के चिकित्सकों की दो टीमों ने जांच की, लेकिन इसमें चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही की ओर इशारा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एक और जांच की जा रही है और अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


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Content Writer

Yaspal

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