आतंकी मुठभेड़ में गंवाया बायां पैर...अब पैरालिंपिक में जीता मेडल, होकातो सेमा की संघर्ष से सफलता की कहानी
punjabkesari.in Sunday, Sep 08, 2024 - 04:02 PM (IST)
नेशनल डेस्क. पैरालिंपिक खेलों में भारत ने एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। अब तक भारत ने कुल 7 गोल्ड, 4 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल जीत लिए हैं। जैवलिन थ्रो की एफ-41 श्रेणी में नवदीप सिंह ने पहले सिल्वर मेडल जीता था। लेकिन ईरानी एथलीट बेइत सायाह सादेग को अयोग्य घोषित किए जाने के कारण नवदीप को गोल्ड मेडल दिया गया। यह श्रेणी में भारत का पहला गोल्ड है। महिला एथलीट सिमरन शर्मा ने 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीता। पुरुष शॉटपुट में होकातो सेमा ने भी ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया।
होकातो सेमा का संघर्ष और सफलता की कहानी
2002 में होकातो सेमा असम रेजीमेंट में हवलदार के पद पर तैनात थे। जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी मुठभेड़ के दौरान एक बारूदी सुरंग के विस्फोट में उनका बायां पैर घुटने से नीचे काटना पड़ा। इस घटना ने उनके विशेष फोर्स में शामिल होने के सपने को अधूरा कर दिया।
उस समय यह माना गया कि सेमा की जिंदगी अंधकारमय हो गई है। लेकिन सेमा ने हार मानने के बजाय जीवन को नए सिरे से जीने का निर्णय लिया। उन्होंने पुणे में सेना के पैरालिंपिक नोड में ट्रेनिंग ली और खुद को एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में तैयार किया।
सेमा की मेहनत और समर्पण का परिणाम मिला, जब उन्होंने 2022 में मोरक्को ग्रां प्री में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पहला मेडल जीता। इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि कठिन परिस्थितियों में भी एक मजबूत इच्छाशक्ति और संघर्ष से सफलता प्राप्त की जा सकती है।
पैरालिंपिक में भारत का बेहतरीन प्रदर्शन
भारत ने पैरालिंपिक इतिहास में अब तक कुल 60 मेडल जीते हैं। इस बार पेरिस पैरालिंपिक में भारत ने 29 मेडल जीतकर एक नई उपलब्धि हासिल की है। यह भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है, क्योंकि पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए भारत ने टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल जीते थे।
भारत अब तक 13वीं बार पैरालिंपिक खेलों में हिस्सा ले चुका है। पेरिस पैरालिंपिक से पहले भारत के नाम कुल 31 मेडल थे, जिनमें से 29 मेडल इस बार ही आए हैं, जो कि कुल मेडल का 48% है।
इस बार भारतीय महिलाओं का प्रदर्शन भी शानदार रहा। भारत ने महिला श्रेणी में 14 मेडल जीते हैं, जिनमें से 10 मेडल (71%) इस बार पेरिस में ही आए हैं। यह एक रिकॉर्ड है कि एक तिहाई (10) मेडल महिलाओं ने ही दिलाए हैं।