"शरीर से लड़ा, फिर ठुकरा दी 50 लाख की नौकरी: जानिए दिव्यांग तुहिन की संघर्ष की कहानी"

punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 03:39 PM (IST)

नॅशनल डेस्क। हमारे जीवन में जब भी छोटी-सी दिक्कत आती है हम अक्सर अपनी किस्मत को दोष देने लगते हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे होशले और संघर्ष से भरे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने अपनी हालत को कभी भी अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया। यह कहानी है पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के एक दिव्यांग लड़के तुहिन की, जिन्होंने हाथों से न लिख पाने के बावजूद कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और 50 लाख रुपये की सैलरी वाली नौकरी को ठुकरा दिया।

तुहिन का संघर्ष और सफलता

तुहिन ने 2017 में खड़गपुर आईआईटी के केंद्रीय विद्यालय से अपनी माध्यमिक (10वीं) परीक्षा दी थी। इसके बाद उन्होंने राजस्थान कोटे से हायर सेकेंडरी की परीक्षा दी और फिर शिवपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री प्राप्त की।

तुहिन के लिए यह सब आसान नहीं था क्योंकि वह हाथों से लिख नहीं सकते लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी परिस्थिति को अपनी मेहनत और सफलता में बाधा नहीं बनने दिया। परीक्षा के दौरान तुहिन ने कभी भी किसी लेखक की मदद नहीं ली। उन्होंने मुंह में पेन या पेंसिल पकड़कर अपने उत्तर लिखे। परीक्षा के दौरान पन्ने पलटने में शिक्षकों ने उनकी मदद की लेकिन बाकी काम तुहिन खुद ही करते थे।

मुंह से लैपटॉप पर करते हैं टाइपिंग

तुहिन केवल पेन-पेंसिल से नहीं बल्कि मुंह से लैपटॉप पर टाइप भी कर सकते हैं। उनके लिए यह सब कुछ उतना ही सामान्य है जितना बाकी लोगों के लिए। तुहिन का कहना है, “मैं मुंह से नॉर्मल पेन या पेंसिल से लिखता हूं। परीक्षा के दौरान मुझे ज्यादा समय भी नहीं लगता। मुंह से चित्र बनाना या कंप्यूटर चलाना मेरे लिए बहुत मुश्किल नहीं है।”

तुहिन के लिए किसी भी कार्य को न कर पाने का सवाल ही नहीं उठता। उनकी मेहनत और आत्मविश्वास उन्हें आगे बढ़ने की ताकत देते हैं।

ठुकराई 50 लाख के पैकेज वाली नौकरी 

तुहिन की मेहनत ने उसे एक अच्छी नौकरी का भी प्रस्ताव दिलवाया। कॉलेज में उसे 50 लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी का ऑफर मिला लेकिन तुहिन ने यह नौकरी ठुकरा दी। उनका सपना नौकरी करने का नहीं है बल्कि वह अपने ज्ञान को और बढ़ाना चाहते हैं। अगले साल फरवरी में तुहिन एमटेक की प्रवेश परीक्षा देंगे और इसके लिए वह दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।

वहीं तुहिन का कहना है कि उनका लक्ष्य अंतरिक्ष यान पर रिसर्च करना है। वह अपने काम और पढ़ाई के जरिए दुनिया को कुछ नया देना चाहते हैं।

तुहिन पढ़ाई में बहुत अच्छा है - मां 

तुहिन की मां सुजाता ने बताया, “बेटे का रोज़ाना का काम करना बहुत मुश्किल है लेकिन तुहिन पढ़ाई में बहुत अच्छा है और वह बहुत मेहनती है। मैं हमेशा उसकी मदद करती हूं लेकिन वह कभी भी अपनी कठिनाइयों से पीछे नहीं हटता।”

तुहिन की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें कई पुरस्कार दिलवाए हैं। उन्हें राष्ट्रपति और राज्यपाल से भी सम्मान मिल चुका है।

बात करें अगर तुहिन की तो उनकी कहानी यह सिखाती है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी दिक्कत बड़ी नहीं होती। तुहिन ने अपने संघर्ष से यह साबित कर दिया कि अगर मन में कुछ करने की ठान लो तो कोई भी स्थिति आपको रोक नहीं सकती।


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News Editor

Rahul Rana

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