मनीष तिवारी का केंद्र पर हमला- नगर निगमों का एकीकरण दिल्ली पर फिर से नियंत्रण पाने की केंद्र की कोशिश

punjabkesari.in Wednesday, Mar 30, 2022 - 05:35 PM (IST)

नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को केंद्रिय मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के संशोधन बिल को पेश किया। इस बीच  कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए सरकार द्वारा संसद में विधेयक लाने का कदम दिल्ली पर फिर से नियंत्रण पाने का प्रयास है और यह विधेयक लाना उसके अधिकार क्षेत्र का विषय नहीं है।
 

लोकसभा में ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि 1991 में दिल्ली में विधानसभा बनाकर उसे विधायी अधिकार दिये गये थे, लेकिन केंद्र सरकार, दिल्ली को संचालित करने की शक्ति फिर अपने पास वापस ले रही है।
 

 उन्होंने कहा कि दिल्ली के तीन नगर निगमों का विलय करने के लिए सदन में लाया गया यह विधेयक उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। तिवारी ने कहा कि सदन में विधेयक पेश करते हुए सरकार ने दलील दी कि संविधान के अनुच्छेद 239 (क) (क) के खंड ग के नियमों के तहत सरकार के पास इस विधेयक को संसद में लाने की क्षमता है।
 

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद के इस भाग का एक ही मकसद है कि अगर दिल्ली सरकार या विधानसभा कुछ ऐसा अटपटा कानून बना देती है जिससे राष्ट्रीय राजधानी की व्यवस्था में गंभीर विघ्न पड़ता है तो केंद्र सरकार को आपात स्थिति के लिए अधिकार दिया गया था। तिवारी ने कहा कि 1993 में भारत के संविधान में भाग 9 और 9ए को जोड़ा गया और पंचायतों तथा नगर पालिकाओं को संवैधानिक अधिकार दिया गया, उस समय यह बात सुनिश्चित की गयी कि नगर पालिकाओं के सृजन का अधिकार राज्यों के पास है।
 

उन्होंने कहा कि संविधान के संबंधित अनुच्छेद में विधायी मंशा यह है कि स्थानीय निकायों का अधिकार राज्य सरकारों के पास रहना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि इस कानून में संशोधन का अधिकार भी दिल्ली की विधानसभा को है, भारतीय संसद को नहीं। तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार एकीकरण के लिए तीनों निगमों में संसाधनों के अंतराल का हवाला दे रही है, यदि ऐसा था तो इस अंतराल की भरपाई की जा सकती थी या उतना पैसा अनुदान के रूप में दिल्ली सरकार को दिया जा सकता था। उन्होंने सवाल किया कि तीनों निगमों के विलय की क्या जरूरत पड़ गयी? 
 

उन्होंने गत 9 मार्च को निगमों के चुनाव की तारीखों की घोषणा के लिए दिल्ली के निर्वाचन आयोग द्वारा बुलाई गयी प्रेस वार्ता को स्थगित किये जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि आखिरी समय में शायद गृह मंत्रालय ने पत्र भेजा होगा कि हम इसे एक निगम बना रहे हैं आप चुनाव टाल दीजिए। तिवारी ने कहा कि यह स्वायत्त संस्थाओं पर नियंत्रण का प्रयास लगता है जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।


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Content Writer

Anu Malhotra

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