साहित्य उत्सव में खुले आम गाली देकर मनाया बोलने की आजादी का जश्न

punjabkesari.in Monday, Jan 25, 2016 - 07:55 PM (IST)

जयपुर: जयपुर साहित्य उत्सव के समापन समारोह में आज बोलने की आजादी के पक्षधर बुद्धिजीवियों और नेताओ ने गालियां देकर बोलने की स्वत्रंता का जश्न मनाया तथा एक दूसरे के नेता पर आरोप लगाए। फिल्म अभिनेता और भाजपा सांसद के पति अनुपम खेर ने जब मंच पर गाली देते हुए कहा कि क्या आप घर में यह बोल सकते है और जब आप घर में नहीं बोल सकते तो इसे बाहर कैसे बोल सकते है। 
 
खेर के गाली के साथ भाषण शुरू करने से एक बारगी विस्मय का माहौल हो गया तथा बाद में आम आदमी पार्टी के नेता पवन मिश्रा ने भी जब गाली के साथ उनसे कई सवाल दागते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल पर जब व्यंग्य कसा जा सकता है तो नरेन्द्र मोदी पर क्यों नहीं, तो उत्तेजना फैल गई। मिश्रा ने कहा कि एक ही व्यक्ति मन की बात कह सकता है क्या, हम क्यों नहीं कह सकते। हमें कोई नहीं रोक सकता। आज के भारत को 1992 के कानून से नहीं चलाया जा सकता। 
 
आज का युवक फेसबुक या सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने के स्वत्रंत है। इस बीच श्रोताओं ने मोदी मोदी के नारे लगाए। इस पर आयोजकों ने अनुपम खेर की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह मंच मोदी की बात करने के लिए नहीं है। इस पर खेर ने इशारों में ही आयोजकों को यह बताया कि यह मेरे से नहीं बल्कि सामने श्रोताओं की तरफ से है।  इससे पहले खेर ने स्वत्रंता के मामले में भारत को दुनिया का सबसे अच्छा देश बताते हुए कहा कि यहां प्रधानमंत्री को गाली दी जा सकती है तथा कोई कुछ भी कहने के लिए स्वत्रंत है। 
 
मैं बाहर जाता हूं तो मेरे जूते और पेंट उतारे जाते है लेकिन यहां ऐसा नहीं होता। लोग खुश है तथा खुशी का फायदा उठाए।   साहित्यकार सुहैल सेठ और पवन वर्मा ने कहा कि आजादी के साथ जिमेदारी का एहसास भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत जिन्दगी में शासन का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। हमें संविधान ने आजादी दी है जिसे बचाने के लिए संघर्ष करना पडे तो करना चाहिए। पत्रकार मधु त्रेहन ने फिल्मों में महिलाओं के साथ चुंबन और धूम्रपान की आजादी का जिक्र करते हुए कहा कि इन पर कोई रोक नहीं लगाता लेकिन समाज जीवन में इसकी आजादी नहीं है। 
 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News