शराब के शौकीनों के लिए बुरी खबर आई सामने, इतनी महंगी हो गई ये दारू

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 05:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे शराब के शौकीनों के लिए अब कुछ नई चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। राज्य में 200 मिलीलीटर की देशी शराब की बोतल की कीमत में 5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। यह बदलाव अप्रैल से लागू होगा। यूपी सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति 2025-26 के तहत कई नए नियम और बदलाव लागू किए हैं, जिनका असर शराब खरीदने वालों पर पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब देशी शराब केवल टेट्रा पैक में ही बेची जा सकेगी। पहले इसे कांच और पेट बोतलों में भी बेचा जा सकता था, लेकिन अब टेट्रा पैक की बिक्री से मिलावट और अवैध शराब की आपूर्ति की संभावना कम हो जाएगी। इसके अलावा, आबकारी विभाग ने व्यापारियों का मार्जिन बढ़ाया है और फुटकर दुकानों का कोटा 10% बढ़ाया है। इसके साथ ही, राज्य सरकार का 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्यव्यापी शराब दुकान की नीति में बदलाव

यूपी सरकार ने शराब की दुकानों के संचालन में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। राज्य में दुकानों की ई-लॉटरी प्रणाली लागू की गई है, जिससे हर व्यक्ति केवल दो दुकानें खोल सकता है, लेकिन वह सभी दुकानों के लिए आवेदन कर सकता है। इसके साथ ही, दुकान के नवीनीकरण की प्रक्रिया 2026-2027 तक की जा सकेगी, जिससे दुकानों की व्यवहार्यता बनी रहेगी।

नई शराब दुकानों का संचालन

नई नीति के तहत अब विशेष एफएल और बीयर की दुकानों के बजाय संयुक्त दुकानें बनाई जाएंगी। इससे दुकानें बढ़ने के बजाय खुदरा घनत्व में वृद्धि होगी। इन दुकानों को कुछ शर्तों के साथ बीयर बेचने का भी विकल्प मिलेगा। इसके अलावा, कम से कम 400 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली दुकानों को मॉडल शॉप में परिवर्तित किया जा सकता है, जहां शराब परोसी जा सकेगी। नई आबकारी नीति में अवैध शराब पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अब देशी शराब केवल टेट्रा पैक में ही बेची जाएगी, जिससे मिलावट और अवैध शराब की आपूर्ति की संभावना कम हो जाएगी। इसके अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, आगरा और लखनऊ में कम अल्कोहल वाले प्रीमियम खुदरा विक्रेता (पीआरवी) भी खोले गए हैं, जो केवल बीयर और वाइन बेचेंगे।

डिजिटल भुगतान और सुरक्षा में बदलाव

अब प्रत्येक खुदरा दुकान पर पीओएस मशीन, सीसीटीवी कैमरे और डिजिटल भुगतान की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, दुकानों में ग्राहकों के लिए डिजिटल भुगतान की सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। इससे शराब खरीदने वालों को सुरक्षा और सुविधा का अहसास होगा। सरकार ने शराब की ब्रांड पंजीकरण और लेबल अनुमोदन शुल्क को युक्तिसंगत किया है और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। विशेष रूप से यूपी में निर्मित वाइन और बीयर के लिए लेबल अनुमोदन की शर्तों को सरल किया गया है। इसके साथ ही, राज्य में स्थित डिस्टिलरी और ब्रुअरीज के लिए निर्यात शुल्क में कमी की गई है।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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