विक्रम से सीख: नासा ने शुरू की नई तैयारी, लैंडिंग के लिए गुरुत्व का नए सिरे से अध्ययन
punjabkesari.in Wednesday, Sep 11, 2019 - 08:25 AM (IST)
वाशिंगटन/नई दिल्ली: चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के शनिवार तड़के सॉफ्ट लैंडिंग में विफल रहने के बीच अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा ने भी नई तैयारी शुरू कर दी है। नासा का मानव चंद्र अभियान आर्टमिस भी 2024 में चांद के दक्षिण ध्रुव के उसी हिस्से के करीब प्रस्तावित है, जहां विक्रम को लैंडिंग करनी थी। चांद के इस हिस्से में धूल और दानेदार कणों की उपस्थिति मानी जा रही है। धूल और दानेदार कण होने से क्या उस जगह चांद के गुरुत्व पर में बदलाव होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। गुरुत्व का सही आकलन न कर पाने पर पूरा मिशन फेल हो सकता है। नासा भारत के चंद्रयान-2 मिशन पर लगातार नजर रखे हुए था।
ऑवरग्लास जांच को जानें
नासा ने मंगलवार को जानकारी दी कि डस्टी लैंडिंग की तैयारी के लिए नासा नई ऑवरग्लास इनवैस्टीगेशन तकनीक का अध्ययन शुरू कर रहा है। ऑवरग्लास जांच में धूल और दानेदार कण तथा गुरुत्व के बीच संबंध का अध्ययन किया जाता है।