पाकिस्तान में 148 आंतकियों का सफाया, भारत विरोधी बड़ा आतंकी लश्कर कमांडर भी ढेर, जानें कौन है सैफुल्लाह?

punjabkesari.in Sunday, May 18, 2025 - 06:31 PM (IST)

Islamabad:पाकिस्तान में आतंकवाद एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है। एक तरफ लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी अबू सैफुल्लाह की हत्या हो गई, वहीं दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस साल अब तक 284 आतंकी हमले हो चुके हैं। यह जानकारी रविवार को एक सरकारी रिपोर्ट में दी गई।


 

अबू सैफुल्लाह की गोली मारकर हत्या
भारत विरोधी बड़े आतंकी  अबू सैफुल्लाह को सिंध प्रांत के मतली शहर में फालकारा चौक के पास गोली मार दी गई। वह भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था और लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा था। बाइक पर आए दो हमलावरों ने उसे निशाना बनाया और मौके से फरार हो गए। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमलों की संख्या 284
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक खैबर पख्तूनख्वा में कुल 284 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा हमले उत्तर वजीरिस्तान (53) में हुए। इसके बाद बन्नू (35), डेरा इस्माइल खान (31), पेशावर (13) और कुर्रम (8) में हमले हुए हैं।

 

148 आतंकियों को मार गिराया गया
सुरक्षा बलों ने अब तक 148 आतंकियों को मार गिराया है। डेरा इस्माइल खान में सबसे ज्यादा 67 आतंकी मारे गए हैं। इस साल अब तक 1,116 संदिग्धों के खिलाफ केस दर्ज हुए हैं, जिनमें से केवल 95 को गिरफ्तार किया गया है। 2023 में 651 आतंकी हमले हुए थे। 2024 में यह संख्या बढ़कर 732 हो गई। खैबर पख्तूनख्वा में हालात 2021 से ही खराब होने लगे थे। 2023 में पेशावर पुलिस मुख्यालय पर हुए आत्मघाती हमले में 86 पुलिसकर्मी मारे गए थे।

 

  कौन था अबू सैफुल्लाह?

  • अबू सैफुल्लाह लंबे समय से लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा से जुड़ा हुआ था।
  •  सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वह भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बनाने में सक्रिय भूमिका निभाता था।
  •  सके संबंध पाकिस्तान के कराची, हैदराबाद और पेशावर में सक्रिय आतंकियों से थे।
  •  कई गुप्त बैठकों में वह कश्मीर में हिंसा फैलाने की रणनीति का हिस्सा रह चुका है।
     

 

क्यों अहम मानी जा रही यह हत्या ?
 सैफुल्लाह पाकिस्तान में आतंक का नेटवर्क खड़ा करने वाला एक पुराना चेहरा था।  भारत में हुए कई हमलों में उसकी संलिप्तता के इनपुट मिल चुके थे।  पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में आतंकी नेताओं की "टारगेट किलिंग" बढ़ गई है  जिसे कई लोग ISI की सफाई मुहिम या   गुटीय झगड़ों का परिणाम मान रहे हैं।

 


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Content Writer

Tanuja

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