चारा घोटाला: तीसरे केस में लालू यादव को 5 साल की सजा व 10 लाख का जुर्माना

punjabkesari.in Wednesday, Jan 24, 2018 - 03:26 PM (IST)

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने आज दोषी करार दिए गए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास तथा 10-10 लाख रुपये जुर्माना भरने की सजा दी। सीबीआई के न्यायाधीश एस. एस. प्रसाद की अदालत में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री यादव, मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 50 लोगों को दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद सजा के बिंदु पर सनवाई हुई।

इन धारोओं के आधार पर मिली सजा
न्यायाधीश ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यादव और डा. मिश्र के साथ पूर्व सांसद जगदीश शर्मा और आर.के.राणा को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 और 477 ए के तहत पांच-पांच साल के सश्रम कारावास के साथ पांच-पांच लाख रुपए जुर्माना तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत भी पांच-पांच साल की सजा के साथ पांच-पांच लाख रुपए अर्थदंड भी लगाया है। दोनों सजाएं साथ चलेंगी लेकिन उन्हें जुर्माने की राशि 10-10 लाख रुपए देनी होगी।
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अन्य आरोपियों को मिली ये सजा
न्यायाधीश ने इसी मामले में लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत और पूर्व पशुपालन मंत्री विद्या सागर निषाद को तीन-तीन साल के सश्रम कारावास के साथ डेढ़-डेढ़ लाख रुपए जुर्माना तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन पूर्व अधिकारियों फूलचंद्र सिंह, महेश प्रसाद, सजल चक्रवर्ती को चार-चार वर्ष के कारावास के साथ दो-दो लाख रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई। चारा घोटाला का यह मामला चाईबासा कोषागार से 33 करोड़ 62 लाख रुपए की अवैध निकासी का है।

क्या है चाईबासा कोषागार मामला
चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी। इस मामले में 76 आरोपी थे, जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं। सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है। दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया।

लालू पर चारा घोटाले के 3 मामले
पहला मामला: चाईबासा केस में दोषी करार दिए गए। इस केस में उनको पांच साल की सजा सुनाई गई। इन पर चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपए निकालने का आरोप था।

दूसरा मामला: देवघर कोषागार से जुड़े एक केस में भी दोषी हैं। इस मामले में वे साढ़े तीन साल की सजा पाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी का आरोप है।

तीसरा मामलाः चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार गबन मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया। उनको इस मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई है व पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है।


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