''लाल डायरी'' का खुलासा: छांगुर बाबा के ''जहरीले'' राज, करोड़ों के लेन-देन और ''प्राइस लिस्ट'' का होगा पर्दाफाश!
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 06:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन गिरोह के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) द्वारा की गई छापेमारी में एक 'लाल डायरी' बरामद हुई है, जिसमें कई नेताओं और पूर्व अधिकारियों के नाम दर्ज हैं। इन पर आरोप है कि उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में छांगुर बाबा से मोटी रकम मिली थी। इस मामले में अब ATS के साथ-साथ STF और ED भी जांच में जुट गई हैं। माना जा रहा है कि इस डायरी से 106 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग से जुड़े बड़े नेटवर्क का सुराग मिल सकता है।
'छांगुर का सफर'
छांगुर बाबा का असली नाम जमालुद्दीन है और वह उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के रहरा माफी गांव का निवासी है, जो नेपाल सीमा से सटा हुआ है। उसने अपने करियर की शुरुआत साइकिल पर अंगूठियां और ताबीज़ बेचकर की थी। लेकिन पिछले एक दशक में वह करोड़ों की संपत्ति और एक बड़ा नेटवर्क बनाने में कामयाब हुआ।
जांच में पता चला है कि मध्य-पूर्व देशों से आए दान से उसकी आर्थिक ताकत बढ़ती गई। उसके 40 से अधिक सक्रिय बैंक खाते थे, जिनके ज़रिए करीब 106 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए। बलरामपुर और महाराष्ट्र के लोनावला में उसकी दो संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 18 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
लोनावला की संपत्ति और संदिग्ध लेनदेन
ईडी के मुताबिक, लोनावला की ज़मीन छांगुर बाबा ने अगस्त 2023 में एक सहयोगी के साथ मिलकर खरीदी थी। यह संपत्ति मोहम्मद अहमद खान नामक व्यक्ति से खरीदी गई थी, जो कथित तौर पर संदिग्ध फंड ट्रांसफर का भी हिस्सा बताया जा रहा है।
राजनीतिक संपर्क और फंडिंग की गहरी जांच
'लाल डायरी' में जो सबसे सनसनीखेज़ बात सामने आई है वह है राजनीतिक फंडिंग। डायरी के मुताबिक कम से कम आधा दर्जन नेताओं को छांगुर बाबा ने नकद राशि दी थी। एक एंट्री में बताया गया है कि 2022 में उत्तरौला विधानसभा सीट से एक पूर्व प्रत्याशी को 90 लाख रुपये दिए गए थे। हालांकि वह प्रत्याशी चुनाव हार गया था, लेकिन डायरी से पता चला है कि छांगुर बाबा 2027 में उसी सीट से एक पूर्व IPS अधिकारी को समर्थन देने की योजना बना रहा था।
सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा बलरामपुर और आसपास की सीटों पर लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनावों में न केवल पैसों से, बल्कि अपने अनुयायियों को एकजुट कर वोट डलवाने तक में सक्रिय भूमिका निभाता रहा है। छांगुर बाबा की एक तस्वीर गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के साथ भी वायरल हो चुकी है जो उसके गहरे संपर्कों की ओर इशारा करती है।
ये भी पढ़ें- AIIMS की रिसर्च में बड़ा दावा- ओरल हेल्थ और कैंसर का सीधा कनेक्शन! जानें कैसे बचें
धर्मांतरण का नेटवर्क और गिरफ्तारी
छांगुर बाबा को 5 जुलाई को लखनऊ के एक होटल से नीतू उर्फ नसीरीन के साथ गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप है कि वह आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों, विधवाओं, दिहाड़ी मज़दूरों, अनुसूचित जातियों को पैसा, लालच और शादी का झांसा देकर धर्म बदलवाता था। इस केस की शुरुआत STF द्वारा बलरामपुर में दर्ज मामले से हुई थी। इसके बाद 9 जुलाई को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच भी शुरू की।
शेल कंपनियों और FCRA उल्लंघन की जांच
ईडी यह भी पता लगा रही है कि क्या ये फंडिंग शेल कंपनियों या तीसरे पक्ष के संगठनों के ज़रिए हुई, जिनमें से कुछ के विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन के आरोपों में भी नाम आए हैं।
छापेमारी और अवैध निर्माण पर कार्रवाई
17 जुलाई को ईडी ने उत्तरौला में 12 और मुंबई में 2 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। साथ ही, बलरामपुर ज़िले के मधुपुर गांव में एक अवैध रूप से बने भवन को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। यह भवन सरकारी ज़मीन पर बना हुआ था और 15 सीसीटीवी कैमरों और दो गार्ड डॉग्स की निगरानी में रहता था। यह परिसर लंबे समय से संदेह के घेरे में था।