लद्दाख हिंसा: कांग्रेस पार्षद फुंटसोग त्सेपाग पर FIR, 4 की मौत, 90 घायल
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 07:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: लद्दाख में बुधवार को भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस झड़प में कम से कम चार प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि करीब 90 लोग घायल हुए। स्थिति पर काबू पाने के लिए लेह ज़िले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही सीआरपीएफ़, स्थानीय पुलिस और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
हिंसा लद्दाख को राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग को लेकर बुलाई गई बंदी के बीच भड़की। कारगिल में भी एहतियातन कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं।
गुस्साई भीड़ ने हिंसा के दौरान बीजेपी कार्यालय और लद्दाख हिल काउंसिल सचिवालय को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद बीजेपी ने इस घटना के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग पर भीड़ का हिस्सा होने का आरोप लगाया और उनके कथित तौर पर शामिल होने की तस्वीरें सार्वजनिक कीं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कांग्रेस पार्षद को नामजद किया है।
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने इस घटना को “साज़िश” करार दिया और हिंसा में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इस बीच, गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर भी हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। मंत्रालय के अनुसार, कई नेताओं द्वारा भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील के बावजूद वांगचुक ने अनशन जारी रखा और “अरब स्प्रिंग” जैसी शैली में उत्तेजक बयान दिए। मंत्रालय का दावा है कि इन्हीं भाषणों से भीड़ भड़की और बीजेपी कार्यालय तथा सरकारी इमारतों पर हमला हुआ।
हालांकि, सोनम वांगचुक ने आरोपों को खारिज किया। उन्होंने अनशन तोड़ने के बाद ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंगलवार को आंदोलन के दौरान 72 वर्षीय एक पुरुष और 62 वर्षीय एक महिला की तबीयत बिगड़ गई थी, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनके मुताबिक, यही घटना हिंसक माहौल का तात्कालिक कारण बनी। वांगचुक ने कहा, “हम अपना आंदोलन अहिंसक ही रखेंगे और सरकार से अपील करते हैं कि वह हमारे शांति संदेश को सुने।”