कोलकाता गैंगरेप: ‘बेटा मासूम है मुझे फांसी पर लटका दो' बेटे के बचाव में पिता बोले

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 04:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए गैंगरेप मामले में नए खुलासे लगातार हो रहे हैं, जो मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के कथित राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा कर रहे हैं। आरोप है कि इसी संरक्षण के कारण कॉलेज में उसकी गलत हरकतों पर कोई कार्रवाई नहीं होती थी, जिससे उसका दुस्साहस बढ़ता चला गया। इस बीच मोनोजीत के पिता रोबिन मिश्रा अपने बेटे के बचाव में सामने आए हैं।

आरोपी के पिता का बयान-

मोनोजीत मिश्रा के पिता रोबिन मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "उसकी मां बीमार रहती है। मामला कोर्ट में है, मैं कुछ नहीं कहना चाहता। मैं एक छोटे से घर में रहता हूं, साधारण से परिवार से हूं। जिन लड़कियों ने आरोप लगाए हैं आरोप लगाना क्या कोई नई बात है? मुझे फांसी पर लटका दो, मीडिया ट्रायल चल रहा है। मोनोजीत पढ़ाई में अच्छा था इसलिए तो वकील बना।" उनके इस बयान ने मामले में और गर्माहट ला दी है।

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गैंगरेप के 3 आरोपियों की हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ी

एक अदालत ने कोलकाता कॉलेज की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत मंगलवार को 8 जुलाई तक बढ़ा दी है। इन तीनों आरोपियों में मुख्य संदिग्ध मोनोजीत मिश्रा और दो अन्य छात्र जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी शामिल हैं। मोनोजीत मिश्रा साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज का पूर्व छात्र और अस्थायी कर्मचारी था, जहां 25 जून की शाम को यह घटना हुई थी।

इन तीनों आरोपियों को गुरुवार, 26 जून को गिरफ्तार किया गया था और अगले दिन अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें शुरू में चार दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था। मंगलवार को अलीपुर अदालत में पेश करने पर उनकी पुलिस हिरासत आठ दिन बढ़ाकर 8 जुलाई तक कर दी गई।

कॉलेज का सुरक्षा गार्ड भी गिरफ्तार

इस मामले में कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी 28 जून को गिरफ्तार किया गया था। उसकी पुलिस हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। सरकारी वकील और जांच अधिकारी के अनुरोध के बाद हिरासत की अवधि बढ़ाई गई है, जिन्होंने आरोपियों से गहन पूछताछ के लिए अधिक समय मांगा था।

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बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें

सूत्रों के अनुसार तीनों मुख्य आरोपियों - मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी - के वकीलों ने मंगलवार को जमानत याचिका दायर नहीं की। इसके बजाय उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपी जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने में मदद करने के इच्छुक हैं।

उन्होंने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आरोप साबित होने से पहले कोई "मीडिया ट्रायल" न हो और अनुरोध किया कि इस प्रक्रिया में अभियुक्त को "परेशान" न किया जाए। बचाव पक्ष के वकीलों ने अनुरोध किया कि उन्हें आरोपियों के साथ अपराध स्थल पर जाने और पुलिस द्वारा उनसे पूछताछ के दौरान भी उपस्थित रहने की अनुमति दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के फोन जब्त कर लिए गए हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं चला है कि जांचकर्ताओं ने शिकायतकर्ता के मोबाइल की भी जांच की थी या नहीं।

सुरक्षा गार्ड की जमानत याचिका खारिज

इस बीच, गिरफ्तार सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी के वकील ने जमानत की गुहार लगाते हुए तर्क दिया कि उनके मुवक्किल का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अपनी ड्यूटी की जगह छोड़कर नहीं गया था। उन्होंने यह भी कहा कि गार्ड की आय बहुत सीमित है और वह किसी भी तरह से बलात्कार के कृत्य में शामिल नहीं था। अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी और उसकी पुलिस हिरासत भी बढ़ा दी है। पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है और सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।


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News Editor

Radhika

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