Maharashtra: एक ही पल में पुरा परिवार खत्म, घर में मिले माता-पिता और पटरी पर मिले बेटों के शव
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 02:04 PM (IST)
नेशनल डेस्क : नांदेड़ जिले के जावला मुरार गांव में एक किसान परिवार के चार सदस्यों की मौत से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। इस दर्दनाक घटना के बाद गांव में शोक और स्तब्धता का माहौल है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, माता-पिता के शव उनके घर के अंदर मिले, जबकि उनके दोनों बेटों के शव पास की रेलवे लाइन पर पाए गए। पुलिस को आशंका है कि यह मामला सामूहिक आत्महत्या से जुड़ा हो सकता है, हालांकि वास्तविक कारणों का खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही हो सकेगा। फिलहाल पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और फॉरेंसिक जांच व पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब आठ बजे पुलिस को इस घटना की सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। जांच के दौरान 51 वर्षीय रमेश सोनाजी लाखे और उनकी 44 वर्षीय पत्नी राधाबाई लाखे के शव उनके घर के भीतर एक चारपाई पर मिले। इसके बाद जब पुलिस ने आसपास के क्षेत्र की छानबीन की, तो उनके दोनों बेटों 25 वर्षीय उमेश और 22 वर्षीय बजरंग के शव नजदीकी रेलवे ट्रैक पर पाए गए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों युवक तेज रफ्तार ट्रेन के सामने आए होंगे, लेकिन इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी।
इस संबंध में पुलिस इंस्पेक्टर दत्तात्रय मंठले ने बताया कि माता-पिता के शव घर के अंदर पाए गए, जबकि बेटों की मौत रेलवे लाइन पर हुई है। उन्होंने कहा कि सबूत इकट्ठा करने के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब की टीम को बुलाया गया है। मौत के सही कारणों और घटनाक्रम को समझने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेहद अहम होगी। फिलहाल परिस्थितियों को देखते हुए यह मामला सामूहिक आत्महत्या जैसा लग रहा है, लेकिन इसके पीछे के कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी कि लाखे परिवार छोटे स्तर पर खेती करता था और अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर था। हालांकि अभी तक यह पुष्टि नहीं हो सकी है कि आर्थिक तंगी, कर्ज या किसी अन्य घरेलू समस्या के कारण यह कदम उठाया गया। पड़ोसियों और ग्रामीणों ने लाखे परिवार को मेहनती और शांत स्वभाव का बताया है। उनका कहना है कि परिवार छोटी-सी जमीन पर खेती कर जीवन यापन कर रहा था और रोजमर्रा की चुनौतियों के बीच संघर्ष कर रहा था। नांदेड़ ग्रामीण पुलिस ने परिजनों और पड़ोसियों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि परिवार ने कोई सुसाइड नोट या अंतिम संदेश छोड़ा है या नहीं।
परिवार में कुल 4 सदस्य ही थे
लाखे परिवार में कुल चार ही सदस्य थे और इस घटना ने पूरे परिवार को खत्म कर दिया है। बताया गया है कि उमेश लाखे मनसे मुदखेड़ के पूर्व तहसील उपाध्यक्ष रह चुके थे और सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय भूमिका निभाते थे। उनकी पहचान एक सामाजिक रूप से जुड़े व्यक्ति के रूप में थी, जिससे यह घटना और भी चौंकाने वाली बन गई है। इस त्रासदी के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक अबिनाश कुमार, डीएसपी अर्चना पाटिल, बारड़ पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक और अन्य पुलिस कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जांच के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह घटना आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ी हो सकती है, लेकिन किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है। फिलहाल पुलिस हर संभावित कारण की जांच कर रही है और पोस्टमार्टम तथा फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
