जानिए फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जज क्यों तोड़ देते हैं पेन की निब

punjabkesari.in Friday, Jun 17, 2016 - 09:14 PM (IST)

नई दिल्ली: 1947 के बाद भारत देश में अब तक 57 अपराधियों को फांसी दी जा चुकी हैं। लेकिन जब जज किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाते हैं तो जज पेन की निब आखिर क्यों तोड़ देते हैं। इसके बारे में हम आपकों बताने जा रहे है। 

 
अदालत में जब जज किसी अपराधी को फांसी की सजा सुनाता है तो पेन की निब इसलिए तोड़ देता है क्योंकि दोबारा ऐसा अपराध न हो जिससे किसी को फांसी की सजा सुनाई जाए। 
 
कहा यह भी जाता है कि जज द्वारा किसी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जब फैसले पर हस्ताक्षर करना होता है तो भावात्मक रुप से ऐसा पेन जिससे किसी की मौत लिखी गई हो तो पेन की निब तोड़ दी जाती है। 
 
भारत में पहली फांसी नाथूराम गोडसे को दी गई थी और मेमन से पहले आखिरी बार फांसी की सजा संसद भवन पर हमले के दोषी अफजल गुरु को दी गई थी। याकूब मेमन भारत में फांसी की सजा पाने वाला 57वां अपराधी था। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Related News