जानिए क्या म्यूकरमायकोसिस या काला फंगस...क्या है इसके लक्षण और इलाज

punjabkesari.in Tuesday, May 11, 2021 - 12:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना से ठीक हुए मरीजों में म्यूकरमायकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण नजर आने लगे है। 'ब्लैक फंगस' लोगों की जान का दुश्मन बन गया है। दरअसल  यह फंगस त्वचा के साथ नाक, फेफड़ों और मस्तिष्क तक को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक 'ब्लैक फंगस' पहले से ही हवा और जमीन में मौजूद है जो अब कोरोना मरीजों को प्रभावित कर रहा है। यह एक गंभीर लेकिन दुर्लभ कवक संक्रमण है, जिसके चलते कई रोगियों की दृष्टि जा रही है या फिर मरीज में अन्य गंभीर दिक्कतें भी उत्पन्न हो रही हैं। 

 

क्या है म्यूकरमायकोसिस या काला फंगस?
यह म्यूकर फफूंद के कारण होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। डॉक्टरों के मुताबिक यह फंगस हर जगह होती है। मिट्टी में और हवा में, यहां तक कि स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी ये फंगस पाई जाती है। ये फंगस जहां साइनस, दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है वहीं डायबिटीज के मरीजों या बेहद कमजोर इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) वाले लोगों जैसे कैंसर या एचआईवी/एड्स के मरीज़ों में ये जानलेवा भी हो सकती है। म्यूकरमायकोसिस में मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक होती है। डॉक्टरों के मुताबिक कोविड-19 के गंभीर मरीजों के लिए स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से ये संक्रमण शुरू हो रहा है।

 

काले कवक के​​​ लक्षण

 

  • नाक बंद होना, नाक से खून या काला तरल पदार्थ निकलना
  • आंखों में सूजन और दर्द, पलकों का गिरना, धुंधला दिखना और आख़िर में अंधापन होना
  • मरीज के नाक के आसपास काले धब्बे भी हो सकते हैं।
  • डॉक्टरों के मुताबिक शुरुआत में इसकी जानकारी नहीं होने पर यह घातक बन जाता है। 
  • मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती है। संक्रमण को दिमाग तक पहुंचने से रोकने के लिए मरीज की आंख भी निकालनी पड़ती है।
  • कुछ दुर्लभ मामलों में डॉक्टरों को मरीज का जबड़ा भी निकालना पड़ता है ताकि संक्रमण को और फैलने से रोका जा सके।

काले फंगस का इलाज 

 

  • इस संक्रमण के इलाज़ के लिए एंटी-फंगल इंजेक्शन (एम्फोटेरिसिन बी 50 मिलीग्राम इंजेक्शन) की जरूरत होती है जिसकी एक खुराक की कीमत 3500 रुपए है। यह इंजेक्शन आठ हफ्तों तक हर रोज देना पड़ता है। ये इंजेक्शन ही इस बीमारी की एकमात्र दवा है। 

बता दें कि गुजरात में म्यूकरमायकोसिस के अब तक 100 से अधिक मामले सामने आए हैं। जबकि महाराष्ट्र में कोविड-19 से ठीक हुए कम से कम आठ लोगों के एक आंख की रोशनी म्यूकरमाइकोसिस के चलते चली गई और 200 अन्य का इलाज किया जा रहा है। यह जानकारी डॉ. तात्याराव लहाने ने दी।


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Content Writer

Seema Sharma

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