Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी की संसद में Entry और BJP सांसद की Exit...जानें क्या है संसद सदस्यता बहाल होने के नियम?
punjabkesari.in Monday, Aug 07, 2023 - 08:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: ‘मोदी उपनाम' वाली टिप्पणी से जुड़े मानहानि के मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस ने कहा कि उसके नेता की सदस्यता उसी तत्परता से बहाल होनी चाहिए जिस तरह उन्हें अयोग्य ठहराया गया था।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज सोमवार (7 अगस्त) को कांग्रेस की बैठक है जिसमें फैसला लिया जा सकता है कि राहुल गांधी की संसद में वापसी कब तक होगी। लोकसभा के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी को पढ़ने के बाद जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
लोकसभा में राहुल की एंट्री करते ही रद्द होगी इस बीजेपी सांसद की सदस्यता
वहीं एक तरफ जहां कांग्रेस राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता की जल्द से जल्द मांग कर रहे है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया को 2 साल की सजा मिली है। जिसके चलते अब उनकी संसद की सदस्यता रद्द हो जाएगी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के इटावा से लोकसभा सांसद भाजपा नेता रामशंकर कठेरिया को आगरा की एक MP/MLA अदालत ने साल 2011 में एक बिजली कंपनी के कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में शनिवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई है। 2 साल कैद की सजा होने के बाद कठेरिया की संसद सदस्यता भी जा सकती है।
आईए जानते है किसी भी सांसद को सजा सुनाए जाने के कितने दिनों बाद खत्म होती है संसद सदस्यता....क्या है इसके पुराने रिकाॅर्ड?
-सबसे पहला मामला लालू यादव का है जिन्हें चारा घोटाले में 4 साल की सजा सुनाई गई और करीब 22 दिन बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई। बता दें कि 30 सितंबर 2013 को सीबीआई स्पेशल कोर्ट रांची ने लालू यादव को चारा घोटाले में चार साल के जेल की सजा सुनाई और 21 अक्टूबर 2013 को लोकसभा सचिवालय ने उनकी सांसद सदस्यता को रद्द कर दिया।
-इसके बाद देश के और कांग्रेस सांसद को सजा सुनाई गई। जिनका नाम है रशीद मसूद। इन्हें भी सजा सुनाए जाने के 20 दिन बाद सदस्यता को खत्म किया गया। बता दें कि 1 अक्टूबर 2013 को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने MBBS सीट घोटाले में कांग्रेस के सांसद रशीद मसूद को 4 साल की सजा सुनाई और 21 अक्टूबर 2013 को राज्यसभा से रशीद मसूद की सदस्यता खत्म कर दी गई।
- वहीं राहुल गांधी की बात करें तो मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा सुनाए जाने के 24 घंटे में उनकी संसद सदस्यता को रद्द कर दिया गया। जिसके लेकर कांग्रेस में कापी बवाल मचा और इस पर अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि - 'राहुल गांधी की 24 घंटे में संसद सदस्यता गई थी, अब कठेरिया पर फैसला कब होगा?'
बता दें कि 23 मार्च 2023 को सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल को मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई थी। 24 मार्च को उन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अब जानते है....संसद सदस्यता खत्म करने के क्या हैं नियम?
लोकसभा के महासचिव रहे पीडीटी आचार्य के मुताबिक, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम- 1951 के सेक्शन 8(3) के तहत किसी संसद सदस्य की सदस्यता को रद्द किया जा सकता है। इसके तहत धारा (1) और (2) में प्रावधान है, जिसके मुताबिक, कोई सांसद या विधायक दुष्कर्म, हत्या, भाषा या फिर धर्म के आधार पर सामाज में हिंसा या दुश्मनी फैलाता है या फिर संविधान का अपनाम करता है तो उस सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही धारा (3) के मुताबिक, यदि किसी सांसद या विधायक को किसी आपराधिक मामले में दोषी मानते हुए दो साल से अधिक की सजा होती है , तब भी उसकी सदस्या को रद्द किया जा सकता है और अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बैन रहेगा।
वहीं अब राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के साथ ही उनके 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर अटकलें समाप्त हो गई हैं। यानि अब वह फिर से चुनाव लड़ सकते है।
कब बहाल होती संसद की सदस्यता...
पहले के मामले देखें तो लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल को कवारत्ती में हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल की जेल की सजा की सजा सुनाई गई थी जिसके बाद 13 जनवरी 2023 को एक अधिसूचना जारी कर उनकी सदस्यता को खत्म कर दिया। हालांकि 25 जनवरी को केरल हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी और 55 दिनों बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हुई थी।
संसद सदस्यता बहाल होने के नियम?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय का रुख करते हुए वहां प्रतिवेदन देना होगा। जिसमें लोकसभा सदस्यता बहाल करने का अनुरोध करना होगा। इसके बाद लोकसभा सचिवालय के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेंगे और फिर राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी होगा। सदस्यता बहाल होने की जानकारी लोकसभा सचिवालय अधिसूचना जारी करके देता है। इसमें कुछ घंटों से कुछ महीने भी लग सकते हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद ही सांसदों के बैठने की जगह और एंट्री पास आदि पास किए जाते है।
क्या राहुल गांधी को दोबारा मिलेगा सरकारी बंगला?
सजा सुनाए जाने के बाद जब राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हुई इसके साथ ही उन्हें अपना सरकारी बंगला भी खाली करना पड़ा। दिल्ली के 12 तुगलक लेन का बंगला जहां राहुल गांधी 19 साल बिताए। मोदी सरनेम मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद 22 अप्रैल 2023 को उन्हें ये बंगला खाली करना पड़ा था।
खाली करने के ठीक 104 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। जिससे उनकी सांसदी भी बहाल होगई और अब एक बार फिर से वह सरकारी बंगले के हकदार बन गए। बता दें कि 12 तुगलक लेन वाला बंगला अभी भी खाली है । ऐसे में सवाल उठ रहा कि क्या राहुल गांधी को ये दोबारा आवंटित किया जाएगा?
'मोदी' उपनाम मामले में गई राहुल की लोकसभा सदस्यता
बता दें कि राहुल को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में 'मोदी' उपनाम का इस्तेमाल करते हुए की गई टिप्पणी के लिए दोषी ठहराया गया और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई। सजा के कारण उन्हें लोकसभा की सदस्यता खोनी पड़ी। हालांकि, बाद में सजा को निलंबित कर दिया गया, जिससे वह अपनी दोषसिद्धि को हाई कोर्ट में चुनौती देने में सक्षम हो गया।
राहुल गांधी को मिली भाषण या बयान प्रसारित करते समय सावधानी बरतने की सलाह
हालांकि, गुजरात हाई कोर्ट द्वारा सूरत सत्र न्यायालय द्वारा उनकी सजा को बरकरार रखने के बाद, कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इससे पहले, इस सप्ताह शीर्ष अदालत ने मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी और उन्हें सार्वजनिक भाषण या बयान प्रसारित करते समय अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी थी।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए, सीएम स्टालिन ने रविवार को सवाल किया कि जिस तत्परता के साथ उनसे एक सांसद के रूप में उनका दर्जा छीन लिया गया था, वह निचले सदन में उनकी वापसी की सुविधा के लिए क्यों नहीं दिखाई जा रही है।