जानिए क्या हैं 3 कृषि विधेयक, सरकार बता रही बड़ा कदम और किसान कर रहे विरोध

punjabkesari.in Friday, Sep 18, 2020 - 03:28 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कृषि संबंधित बिल को लेकर इन दिनों संसद से लेकर सड़क तक बवाल मचा हुआ है। जहां किसान सड़कों पर आ गएहैं वहीं विपक्ष सरकार का विरोध कर रहे हैं। कृषि विधेयक के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हरसिमरत के इस्तीफे के बाद कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। केंद्र सरकार तीन कृषि विधेयकों को कृषि सुधार में अहम कदम बता रही है। 

 

ये हैं तीन बिल

  • कृषि क्षेत्र से जुड़े ये तीन बिल हैं- 
  • कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल
  • आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल

मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता बिल। केंद्रीय कैबिनेट पहले ही इनसे जुड़े अध्यादेश पास कर चुकी है, जिन्हें अब संसद में बिल के रूप में पेश किया गया है। लोकसभा से मंगलवार को आवश्यक वस्तु से जुड़े संशोधन बिल पास हो गया है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक एक इको-सिस्टम बनाएगा। इससे किसानों को अपनी पसंद के अनुसार उपज की बिक्री-खरीद की स्वतंत्रता होगी। किसानों के पास फसल बेचने के लिए वैकल्पिक चैनल उपलब्ध होगा जिससे उनको उपज का लाभकारी मूल्य मिल पाएगा।

 

आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल
पहले व्यापारी फसलों को किसानों के औने-पौने दामों में खरीदकर उसका भंडारण कर लेते थे और कालाबाजारी करते थे, उसको रोकने के लिए Essential Commodity Act 1955 बनाया गया था जिसके तहत व्यापारियों द्वारा कृषि उत्पादों के एक लिमिट से अधिक भंडारण पर रोक लगा दी गई थी। 

 

विरोध क्यों
कृषि संबंधी तीन विधेयकों से नाराज किसान बीते दिनों से देश के अलग-अगल हिस्‍सों में प्रदर्शन किए हैं। पंजाब और हरियाणा में कई जगह हाइवे जाम कर दिए गए। दोनों राज्यों के किसानों ने विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी धरना दिया। भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि जो सांसद संसद में कृषि विधेयकों का समर्थन करेंगे, उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। दरअसल किसानों को डर है कि नए कानून के बाद एमएसपी पर खरीद नहीं होगी। विधेयक में इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है कि मंडी के बाहर जो खरीद होगी वह एमएसपी से नीचे के भाव पर नहीं होगी। चूंकि बाहर बेचने पर कोई टैक्‍स नहीं देना होगा, ऐसे में किसानों को फायदा मिल सकता है। हालांकि अगर बाहर दाम कम मिलते हैं तो किसान मंडी आकर फसल बेच सकते हैं जहां उन्‍हें एमएसपी मिलेगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Seema Sharma

Recommended News

Related News