बच्चे फुटबॉल नहीं, जाे उन्हें इधर-उधर फेंका जाए: सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2016 - 05:59 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कुछ महीने पहले ये आदेश दिया कि मोंटेसरी स्कूल 13 गरीब बच्चों को एडमिशन दें और उन्हें पढ़ाएं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 13 बच्चों को लखनऊ के मशहूर सिटी मोंटेसरी स्कूल ने एडमिशन दिया था, लेकिन अब यही स्कूल उन बच्चों को अपने यहां पढ़ाने से कतरा रहा है। स्कूल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लखनऊ में और भी स्कूल हैं जो बच्चों के घर से ज्यादा करीब है, जहां इन बच्चों को भेजा जा सकता है। 

स्कूल की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा, बच्चे फुटबॉल नहीं जाे उन्हें इधर से उधर फेंका जाए। कोर्ट ने स्कूल और यूपी सरकार दोनों को लिखित जवाब देने को कहा है। 

शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सरकारी, गैरसरकारी और निजी स्कूलों को गरीब बच्चों को 25 फीसदी सीटें देने का नियम है। लेकिन प्रतिष्ठित और मंहगे स्कूल में शामिल सिटी मोंटेसरी स्कूल ने गरीब बच्चों को ये कहते हुए एडमिशन से इंकार कर दिया कि लखनऊ में कई और स्कूल हैं जहां बच्चों के दाखिले हो सकते हैं फिर मोंटेसरी स्कूल ही क्यों? हालांकि इसी बीच यूपी सरकार के वकील एम शमशाद ने साफ शब्दों में कहा कि बच्चों को स्कूल से बाहर नहीं निकला जाना चाहिए। यूपी सरकार ने बच्चों को मोंटेसरी स्कूल में ही रखने का निर्णय लिया है। 


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