ईरान सुप्रीमो खामनेई के राइफल थामकर दिए भाषण ने इजराइली व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में बटोरी सुर्खियां

punjabkesari.in Saturday, Oct 05, 2024 - 02:02 PM (IST)

International Desk: ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार को तेहरान में आयोजित जुमे की नमाज़ के दौरान अपने हाथ में राइफल थामते हुए इसराइल, अमेरिका और यूरोप पर तीखे हमले किए। यह पांच साल बाद पहली बार था जब ख़ामेनेई सार्वजनिक तौर पर नमाज़ में उपस्थित हुए और उन्होंने इस दौरान कई विवादास्पद बातें कही। इस अवसर पर हज़ारों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। ख़ामेनेई का यह भाषण उस समय आया है जब इसराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। हाल ही में हिज़्बुल्लाह और हमास के वरिष्ठ नेताओं की हत्या के बाद ईरान ने इसराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए करीब 200 मिसाइलें दागीं। इस हमले के बाद से क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाएं और बढ़ गई हैं।

 

ख़ामेनेई का भाषण और संदेश
इजराइली मीडिया, विशेषकर द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल ने इस बात पर जोर दिया कि ख़ामेनेई ने इसराइल के खिलाफ अपने तीखे रुख को जारी रखा है। उन्होंने अपने भाषण में कहा, "इसराइल हमास और हिज़्बुल्लाह को कभी हरा नहीं पाएगा," और मिसाइल हमलों को "यहूदी अपराधों के लिए न्यूनतम सजा" बताया। उन्होंने विशेष रूप से हमास के नेतृत्व में पिछले साल 7 अक्टूबर को हुए हमले की प्रशंसा की और उसे "तार्किक और कानूनी" करार दिया। ख़ामेनेई ने इस आक्रमण को सही ठहराते हुए कहा कि यह लंबे समय से चले आ रहे इसराइली कब्जे का स्वाभाविक प्रतिकार है।

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द यरूशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ख़ामेनेई ने अपने भाषण में अमेरिका और पश्चिमी देशों पर यह आरोप भी लगाया कि वे इसराइल को वित्तीय और सैन्य सहायता देकर मध्य-पूर्व में युद्ध और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईरान की प्रॉक्सी सेना जैसे हिज़्बुल्लाह और हमास, इसराइल के खिलाफ संघर्ष में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं, और उन्होंने इन समूहों की प्रशंसा की।

 

मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील
ख़ामेनेई ने मुस्लिम देशों को एकजुट होकर इसराइल के खिलाफ खड़ा होने की अपील की। उन्होंने कहा कि "मुस्लिम राष्ट्रों को इसराइल और उसके सहयोगियों के खिलाफ एकजुट होना होगा।" उनका मानना था कि इसराइल पर मिसाइल हमले सही और न्यायोचित हैं और इन हमलों को जारी रखने की आवश्यकता है ताकि क्षेत्र में शांति स्थापित की जा सके।

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हारेत्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार, ख़ामेनेई की यह अपील उनकी असामान्य सार्वजनिक उपस्थिति के दौरान आई, जो हाल के घटनाक्रमों के कारण और भी महत्वपूर्ण हो गई है। यह कार्यक्रम इसलिए भी खास था क्योंकि पिछले कुछ समय से ख़ामेनेई के भूमिगत ठिकानों में छिपे होने की अफवाहें थीं, जो हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद और तेज हो गई थीं। द यरूशलम पोस्ट और हारेत्ज़ ने भी लिखा कि ख़ामेनेई का यह बयान ईरान के उस नैरेटिव को जारी रखता है जो 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से बना हुआ है। ईरान के शासक हमेशा से ही इसराइल और अमेरिका को अपने सबसे बड़े दुश्मन मानते आए हैं और उनके खिलाफ हमलों को उचित ठहराते हैं। इस भाषण के दौरान ख़ामेनेई ने इस बात पर भी जोर दिया कि इसराइल पर आगे भी इसी तरह के हमले जारी रहेंगे यदि स्थिति नहीं बदली।

इजराइली मीडिया की प्रतिक्रिया
इजराइल के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस भाषण को व्यापक कवरेज दी है। द टाइम्स ऑफ़ इज़राइल ने ख़ामेनेई के इस बयान को क्षेत्रीय युद्ध की तरफ संकेत करने वाला बताया है। अखबार ने लिखा कि इस भाषण के बाद मिसाइल हमलों और हिज़्बुल्लाह व हमास जैसे समूहों की गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।


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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ख़ामेनेई के भाषण और ईरान द्वारा इसराइल पर मिसाइल हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी आ रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर सिना अज़ोदी का जिक्र किया, जिन्होंने कहा कि यह भाषण ईरान का संदेश था कि वह किसी भी हमले का जवाब देगा और इस संघर्ष में वह पीछे नहीं हटेगा। अखबार ने यह भी लिखा कि ईरान के इस कदम से पश्चिमी देशों के लिए नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं, जो पहले से ही मध्य-पूर्व के संघर्षों को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

द वॉशिंगटन पोस्ट ने भी इस विषय पर लिखा कि ईरान ने इसराइल के खिलाफ अपनी नीतियों को और सख्त कर दिया है, खासकर जब से हिज़्बुल्लाह और हमास को इसराइल से लड़ने के लिए समर्थन मिल रहा है। अखबार ने लिखा कि ख़ामेनेई का यह भाषण मुस्लिम दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि उन्हें इसराइल और उसके सहयोगियों के खिलाफ एकजुट होना होगा।

 

ईरान की सुरक्षा और ताकत का प्रदर्शन
ख़ामेनेई की इस सार्वजनिक उपस्थिति को भी ईरान में एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। ईरान इंटरनेशनल मीडिया के अनुसार, इस कार्यक्रम की तैयारी पहले से ही कर ली गई थी और तेहरान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आईआरजीसी (ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स) ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया था, जहां हजारों समर्थक जमा हुए थे। ईरान ने इस कार्यक्रम को एकता और समर्थन का प्रदर्शन बताया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ईरान अपने नेता और नीतियों के प्रति दृढ़ है।

 

 


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Content Writer

Tanuja

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