ट्रूडो के पिता ने भी दिया आतंकियों को "सेफ हेवन", कनाडा को 40 साल पहले ही बना दिया था खालिस्तानियों का ठिकाना

punjabkesari.in Thursday, Jun 20, 2024 - 12:25 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कनाडा  की भारत विरोधी गतिविधियां दोनों देशों के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना रही हैं। कुछ समय पहले कनाडा ने अपने यहां मारे गए आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाकर इस तनाव को और बढ़ा दिया। अब कनाडाई संसद में इ आतंकी निज्जर की पहली बरसी पर दो मिनट का मौन रखा गया जो  एक तरह का इशारा है कि  भारत में जिसे आतंकी माना जाएगा, वे वहां शहीद कहलाएगा। कनाडा  सरकार का खालिस्तानी आंतकियों  से रिश्ता कई दशकों से चला आ रहा है ।

PunjabKesari

दरअसल इस मामले में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो  अपने पिता पियरे ट्रूडो के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं। दो बार देश के लीडर रह चुके पियरे ने जब दूसरी बार पद संभाला, तब भारत में खालिस्तानी आंदोलन सिर उठा रहा था। भारत की सख्ती से डरे हुए चरमपंथी कनाडा भागने लगे क्योंकि  ये उनके लिए सेफ हेवन था, क्योंकि कनाडा में पहले से ही उनकी कम्युनिटी राजनीति से लेकर स्थानीय तौर पर भी पैठ बना चुकी थी। पंजाब में आतंक मचाए इन लोगों को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही थी। इसी दौर में ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ।  अलगाववादी इसके बाद दल के दल कनाडा चले गए और वहीं से खौफनाक हमले की योजना तैयार की। कनिष्क प्लेन ब्लास्ट में  329 लोगों की मौत को ऑपरेशन ब्लू स्टार की जवाबी कार्रवाई की तरह देखा गया.  हालांकि कनाडा सरकार ने पूरे मामले पर लीपापोती कर दी थी। 

PunjabKesari

23 जून 1985 को एयर इंडिया का विमान मांट्रियल से मुंबई आ रहा था, जिसे आयरलैंड के समुद्र के ऊपर 31 हजार फीट पर बम से उड़ा दिया गया । घटना में सभी 329 लोगों की मौत के बाद मामला तब गरमाया, जब इसके खालिस्तानी कनेक्शन सामने आया ।ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए ही एक्सट्रीमिस्ट्स ने विमान में बम रखा था। भारत ने कई बार मामले की जांच करवानी चाही, लेकिन कनाडा ढील देता रहा। यहां तक कि भारत सरकार ने जब खुद जांच करनी चाही तो कनाडा ने कानूनी अड़चनें पैदा कीं।

PunjabKesari

इकनॉमिक टाइम्स ने सीनियर कनाडाई पत्रकार टैरी मिलेव्स्की की किताब ब्लड फॉर ब्लड- फिफ्टी ईयर्स ऑफ ग्लोबल खालिस्तान प्रोजेक्ट के हवाले से बताया है कि परमार खुलेआम कहता था कि भारतीय विमान हवा में टपकेंगे। जब अलगाववादी भारत को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे, तत्कालीन ट्रूडो सरकार आराम से बैठी रही।  ये जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो का दौर था। 9/11 के बाद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला कनिष्क ब्लास्ट में केवल एक खालिस्तानी आतंकवादी तलविंदर सिंह परमार को कुछ समय के लिए सजा हुई, बाद में उसे भी आरोप मुक्त कर दिया गया।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News