केरलः दहेज के खिलाफ राज्यपाल ने रखा फास्ट, भाजपा ने साधा राज्य सरकार पर निशाना

punjabkesari.in Wednesday, Jul 14, 2021 - 06:37 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक जागरूकता पैदा करने और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार खत्म किए जाने के लिए यहां अपने आधिकारिक आवास राजभवन में बुधवार को एक दिवसीय उपवास रखा है।

दक्षिणी राज्य के इतिहास में शायद यह पहली बार है जब राज्यपाल इस तरह के सामाजिक मुद्दे के लिए उपवास कर रहे हैं। वह विवाह में दहेज लेने और देने की प्रथा के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न गांधीवादी संगठनों के आह्वान के बाद उपवास कर रहे हैं।

इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस और भाजपा ने जागरूकता बढ़ाने के लिए 'गांधीवादी मार्ग' अपनाने के राज्यपाल के कदम का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने वामदल नीत राज्य सरकार की इस मुद्दे पर आलोचना की और आरोप लगाया कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पिनराई विजयन नीत सरकार के विफल रहने के कारण ही अधिकारियों की आंखें खोलने के लिए राज्यपाल को उपवास करना पड़ा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ केरल की महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपवास रखने वाले राज्यपाल को बधाई।'' इस तरह के मुद्दे उठाने के लिए खान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश के प्रशासनिक इतिहास में एक ‘‘दुर्लभ प्रकरण'' हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को यह पता लगाने की जरूरत है कि आखिर राज्य के मुखिया राज्यपाल को महिलाओं की सुरक्षा के लिए उपवास क्यों करना पड़ा।

राजभवन के सूत्रों ने बताया कि खान ने सुबह आठ बजे से उपवास शुरू किया और शाम छह बजे तक उपवास करेंगे। राज्यपाल अनशन समाप्त करने से पहले शाम को यहां गांधी भवन में आयोजित प्रार्थना सभा में भी हिस्सा लेंगे। गांधी भवन में भी सुबह से शाम तक अनशन चल रहा है, जहां कई गांधीवादी, ‘गांधी स्मारक निधि' और ऐसे ही अन्य संगठनों के तत्वावधान में अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।

खान ने मंगलवार शाम एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा था कि दहेज प्रथा ‘‘ महिलाओं की गरिमा के साथ घोर अन्याय और अपमान '' है। गांधीवादी संगठनों ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को समाप्त करना और केरल को उनके लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने की आवश्यकता पर जोर देना है।

खान ने पिछले महीने महिलाओं से भावनात्मक अपील की थी कि वे शादी के समय दहेज की मांग को मना कर दें और उन्होंने दहेज के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए किसी भी ‘‘संगठित'' स्वैच्छिक आंदोलन का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की थी। 


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Content Writer

Yaspal

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