काशी देव दिवाली: 10 लाख दीयों से जगमगाएंगे घाट, लेजर शो और ग्रीन आतिशबाजी होगी खास
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 06:53 PM (IST)
नेशनल डेस्क : काशी, जिसे सुनते ही भक्ति, आध्यात्मिकता और दिव्य ऊर्जा की छवि उभरती है, इस साल भी देव दीपावली के पावन अवसर पर जगमगाहट से भर उठने को तैयार है। हर साल की तरह इस वर्ष भी गंगा के पवित्र तट से लेकर काशी की गलियों, कुंडों और तालाबों तक दीपों की लंबी श्रृंखला बनाई जाएगी। यह श्रृंखला न केवल आंखों को रोशनी से भर देगी, बल्कि श्रद्धालुओं की आत्मा को भी सुकून पहुंचाएगी। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता स्वर्ग से गंगा में स्नान करने आते हैं और इस अवसर पर काशी लाखों दीपकों से रोशनी के समुद्र में परिवर्तित हो जाती है।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और वाराणसी महोत्सव समिति ने इस बार 10 लाख से अधिक मिट्टी के दीप जलाने का लक्ष्य रखा है। दीप, तेल और बाती का वितरण राजघाट से शुरू हो चुका है। आयोजन को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए गंगा के दोनों तटों को 20 सेक्टरों में बांटा गया है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यह केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि काशी की आत्मा को महसूस करने का अवसर है।
शिवनगरी में शंखनाद और डमरू की गूंज
देव दीपावली की शाम गंगा तट पर आरती से पहले शंख और डमरू की अनंत ध्वनि गूंजेगी। डमरू का कंपन शिव की ऊर्जा का प्रतीक है और घाटों पर यह ध्वनि वातावरण को दिव्य छटा से भर देगी। इसी अवसर पर ‘काशी-कथा’ नामक 3-D प्रस्तुति दी जाएगी। इसमें शिव-पार्वती विवाह, भगवान विष्णु के चक्र पुष्करिणी कुंड की कथा, बुद्ध के धर्मोपदेश, संत कबीर की सादगी और तुलसीदास की राम-भक्ति को जीवंत रूप में दर्शाया जाएगा। यह प्रस्तुति केवल इतिहास नहीं दिखाएगी, बल्कि काशी की भक्ति और जीवन के लय का संदेश भी देगी।
लेजर शो और ‘ग्रीन आतिशबाज़ी’
इस वर्ष देव दीपावली को और खास बनाने के लिए लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। यह शो रोशनी और ध्वनि के माध्यम से गंगा और काशी की भक्ति धारा को नई परिभाषा देगा। रात 8 बजे श्री काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार के सामने 10 मिनट की ‘ग्रीन आतिशबाज़ी’ होगी। यह पूरी तरह प्रदूषण रहित होगी और केवल रंगों और प्रकाश की चमक फैलाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
देव दीपावली पर लाखों श्रद्धालु काशी आते हैं। ऐसे में सुरक्षा एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस बार सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए एआई आधारित सिस्टम, ड्रोन कैमरे और ‘टीथर्ड ड्रोन’ का इस्तेमाल किया जाएगा। पूरे शहर में 2576 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी काशी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से की जाएगी। दशाश्वमेध, गोदौलिया और अस्सी घाट पर जल पुलिस, एनडीआरएफ और पीएसी के जवान तैनात रहेंगे। गंगा में भी लगातार गश्त चलती रहेगी। ‘टीथर्ड ड्रोन’ 400 मीटर की ऊंचाई से 4 किलोमीटर के क्षेत्र को स्कैन करेंगे और भीड़ व संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
