गैंगरेप के 7 आरोपियों को कोर्ट ने दी जमानत, बलात्कारियों ने शहर में निकाला विजय जुलूस, पुलिस ने फिर डाला जेल में

punjabkesari.in Saturday, May 24, 2025 - 09:48 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जहां न्याय की उम्मीद की जाती है, वहां अपराधियों का जश्न लोगों को झकझोर देता है। कर्नाटक के हावेरी में 2024 में हुए बहुचर्चित गैंगरेप मामले के सात आरोपियों में से पांच को हाल ही में जमानत मिली थी। लेकिन जमानत पर रिहा होते ही उन्होंने सड़कों पर विजय जुलूस और जश्न मनाना शुरू कर दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

वीडियो में आरोपियों को गाड़ियों के काफिले के साथ रोड शो करते और उत्सव के माहौल में देखा गया, जिसने जनता और प्रशासन दोनों को हैरान कर दिया। इस घटना की निंदा के बाद पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए पांचों आरोपियों को दोबारा गिरफ्तार कर लिया है।

हावेरी की सब-जेल से अक्की अलूर कस्बे तक निकले इस रोड शो में पांच गाड़ियों का काफिला और 20 से ज्यादा समर्थक शामिल थे। इस दौरान अफताब चंदनाकट्टी, मदर साब मंडक्की, सामिवुल्ला लालनावर, मोहम्मद सादिक, शोएब मुल्ला, तौसीफ चोटी और रियाज सविकेरी – इन सातों मुख्य आरोपियों ने नगर के मुख्य रास्तों से खुलेआम जुलूस निकाला।

 पीड़िता नहीं कर सकी पहचान, कोर्ट ने दी जमानत
इन सभी को हावेरी सेशंस कोर्ट से ज़मानत तब मिली जब पीड़िता अदालत में उनकी स्पष्ट पहचान नहीं कर सकी। लेकिन ज़मानत मिलते ही जिस तरह का 'विजयी जुलूस' निकाला गया, उसने कानून के प्रति गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपियों के विजय जुलूस निकालने की घटना से पूरे हावेरी जिले में आक्रोश है। 

घटना कब और कैसे घटी?
यह मामला जनवरी 2024 का है, जब पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसे गैंगरेप का शिकार बनाया गया। वह और उसका साथी, जो एक अंतरधार्मिक संबंध में थे, होटल में ठहरे हुए थे, जहां आरोपियों ने उन पर हमला किया। इसके बाद महिला को होटल से जबरन ले जाया गया, उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया और फिर एक लॉज के पास फेंक दिया गया।

जांच में सामने आईं चौंकाने वाली बातें
जांच में यह बात भी सामने आई कि कुछ आरोपी पहले से ही हिंसा और नैतिक पहरेदारी (मोरल पुलिसिंग) के मामलों में शामिल रहे हैं। हाल ही में एक नया वीडियो सामने आया है जिसमें पीड़िता के अपहरण और हमले के दृश्य देखे जा सकते हैं। हालांकि अभी तक इस नए वीडियो पर कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन पुलिस इसकी जांच कर रही है और संभव है कि स्वतः संज्ञान (suo moto) लेकर कार्रवाई की जाए।


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Content Writer

Anu Malhotra

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