स्मृति ने किया मां दुर्गा का अपमान, कांग्रेस बोली- माफी मांगे मंत्री

punjabkesari.in Friday, Feb 26, 2016 - 11:52 AM (IST)

नई दिल्ली: राज्यसभा में गत वीरवार को जेएनयू और पटियाला हाउस कोर्ट मारपीट के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के जवाब के वक्त कांग्रेस और वाम दल वॉक आउट कर गए। विपक्ष ने मोदी सरकार पर कोर्ट परिसर में कन्हैया से मारपीट के आरोपी वकीलों और भाजपा विधायक ओपी शर्मा को बचाने का आरोप लगाया। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को फिर मोर्चा संभालते हुए  सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी पर निशाना साधा।

ईरानी ने जेएनयू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वहां मां दुर्गा और महिषासुर के विषय में आपत्तिजनक पोस्टर लगाए गए। जब स्मृति ईरानी ने इस पर्चे का कंटेंट पढ़ा तो इसपर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और इसी बीच कार्रवाई को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस ने स्मृति ईरानी के इस कदम को आपत्तिजनक बताया और कहा कि उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ये गलत परंपरा है और ईरानी अगर माफी नहीं मांगतीं हैं तो इसका असर सदन की कार्रवाई पर पड़ेगा।

विपक्ष पर बरसे जेटली
सरकार की ओर से बोलते हुए नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे से बहस को भटकाने की कोशिश कर रहा है। जेटली ने कहा कि कोई विचारधारा देश को तोड़ने की बात करे तो ये स्वीकार्य नहीं। यह बात बहुत स्पष्ट है कि इस देश में शैक्षिक स्वतंत्रता पर कोई पाबंदी नहीं है। जेटली ने कहा कि कोई राष्ट्रविरोधी विचारधारा को कैसे स्वीकर कर सकता है। जेटली ने कहा कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में भी देश विरोधी नारे लगे। ये कैसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?

जेटली ने कहा कि विवाद उस बात को लेकर है कि जिसमें वैसे पोस्टर दिखाए गए जिसमें अफजल और मकबूल को सजा देने को न्यायिक हत्याओं के रूप में दिखाया गया। जेटली ने कहा कि हम सब जानते हैं कि अफजल गुरु की सोच क्या थी। जेटली ने सवाल खड़ा किया कि कैसे कोई इस नारे के समर्थन में खड़ा हो सकता है- कश्मीर की आजादी...तक...भारत के टुकड़े। जेटली ने विपक्ष पर सवाल खड़ा किया कि ऐसी स्थिति में पुलिस क्या करती कार्रवाई नहीं करती तो?

जेटली ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी को जेएनयू जाते वक्त सोचना चाहिए था कि वे किसके समर्थन में खड़े हो रहे हैं। इसके पहले राजनाथ ने सदन में कहा कि दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए पुलिस हरसंभव कोशिश कर रही है। बीते एक साल में दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव या हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में हुई घटना के बाद एफआईआर दर्ज किया गया और इसके बाद कानून के मुताबिक हर जरूरी कदम उठाए गए। मामले में गृह मंत्री धाराएं और जुर्माना तय नहीं कर सकता। यह काम सिर्फ पुलिस और कोर्ट ही कर सकती है, हम पुलिस कार्रवाई में दखल नहीं देते।


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