मजदूर के नाम पर 24 करोड़ का कारोबार! एक फोन कॉल और ओटीपी ने गरीब युवक को थमाया 4 करोड़ 42 लाख रुपए का नोटिस
punjabkesari.in Friday, Sep 05, 2025 - 12:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने आम आदमी की पहचान और दस्तावेजों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक गरीब मजदूर को जीएसटी विभाग से 4 करोड़ 42 लाख रुपए का नोटिस थमा दिया गया, जबकि वह न कोई बिज़नेस करता है, न ही उसकी इतनी आमदनी है। हैरानी की बात यह है कि उसके नाम पर चल रही एक फर्जी फर्म ने एक महीने में करीब 24.55 करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखाया है।
कैसे खुला मामला?
जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव निवासी रोहित सरोज मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। जीवन यापन के लिए रोज़ाना ईंट-गारा, खेत-खलिहान या छोटे-मोटे काम करते हैं, जिससे महीने में बमुश्किल 10-15 हजार की आमदनी होती है। लेकिन 30 अगस्त 2025 को उन्हें राज्य कर विभाग से एक नोटिस मिला, जिसमें लिखा था कि "आपकी फर्म ‘आर.के. ट्रेडर्स’ ने जून 2025 में 24 करोड़ 55 लाख 80 हजार रुपये का व्यापार किया है, लेकिन 4.42 करोड़ रुपये का जीएसटी नहीं जमा किया गया है।"
फर्म का पता और फर्जीवाड़े की जानकारी
यह कथित फर्म नीभापुर गांव (मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र) के पते पर रजिस्टर्ड है और GSTIN नंबर UPGAU09NQCPS9300E1Z1 पर दर्ज है। फर्म से जुड़े लेनदेन में एक मोबाइल नंबर (9117976438) भी दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि बिलिंग डिटेल में भी कई जानकारियां अधूरी या संदिग्ध हैं, जो इसे एक सुनियोजित जालसाजी की ओर इशारा करता है।
कैसे फंसे रोहित?
पीड़ित रोहित सरोज ने खुलासा किया कि कुछ महीने पहले उनके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया था। सामने वाले ने खुद को उनका दूर का रिश्तेदार बताते हुए नौकरी दिलाने का झांसा दिया। विश्वास जीतने के बाद उसने फोन पर ही आधार कार्ड, पैन कार्ड और ओटीपी मंगवा लिया। रोहित को लगा कि कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी, लेकिन हकीकत यह निकली कि उन्हीं दस्तावेजों का इस्तेमाल कर उनके नाम पर फर्जी फर्म बना दी गई और करोड़ों का लेनदेन दिखाकर अब उन्हें टैक्स भरने का नोटिस पकड़ा दिया गया।
नोटिस से परिवार में मचा हड़कंप
नोटिस मिलने के बाद रोहित और उनके परिवार का मानसिक संतुलन तक बिगड़ गया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को बताया कि वह एक गरीब मजदूर हैं और इस तरह की कोई भी फर्म उनके नाम पर नहीं है। उनके पास ऐसा कोई बिज़नेस न पहले था, न अब है। विभागीय अधिकारियों ने जांच में यह माना कि रोहित के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर यह फर्म खड़ी की गई है। अब उन्हें 10 सितंबर को जौनपुर के GST कार्यालय में पेश होने को कहा गया है, जहां आगे की पूछताछ होगी।
पुलिस जांच में जुटी, रोहित ने की न्याय की अपील
घटना की जानकारी मिलते ही मुंगराबादशाहपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं रोहित सरोज ने पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी, और अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र देकर अपनी बात रखी और न्याय की मांग की है।