अब न मैं अपने पति की रही, न देवर की.... शादी का झांसा देकर देवर ने की हर हद पार, भाभी की अस्मत से खेला गंदा खेल

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 01:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जमुई जिले से एक बेहद दर्दनाक और मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक विवाहित महिला ने अपने ही चचेरे देवर पर शादी का झांसा देकर लंबे समय तक शारीरिक शोषण, जबरन गर्भपात और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला अब कानून के दरवाजे तक पहुंच चुका है, और पीड़िता ने न्याय की गुहार लगाई है।

 मानसिक रूप से अस्वस्थ पति, और देवर की नजरें
25 वर्षीय रीता देवी नाम की पीड़िता ने जमुई महिला थाना में दिए गए आवेदन में बताया कि उसका विवाह गणेश दास नामक युवक से हुआ है, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है। इसी स्थिति का फायदा उठाकर उसका चचेरा देवर सुभाष दास (24 वर्ष) उसे पिछले करीब डेढ़ साल से प्रेमजाल में फंसा कर शारीरिक और भावनात्मक रूप से शोषित करता रहा।

  जबरन गर्भपात और झूठा रिश्ता
पीड़िता ने आरोप लगाया कि सुभाष ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए और इस दौरान वह गर्भवती भी हो गई। लेकिन प्रेमी देवर ने बच्चे को अपनाने की बजाय जबरन गर्भपात करवा दिया। गर्भपात के लिए उसे दवाएं खिलाई गईं, जिससे उसकी तबीयत भी बिगड़ गई थी।

 बेंगलुरु में सिंदूर भरकर पत्नी मानने का वादा
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सुभाष उसे एक बार बेंगलुरु ले गया, जहां उसने अपनी बहन के घर उसे पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए उसकी मांग में सिंदूर भर दिया। रीता का कहना है कि बंद कमरे में ये सब कुछ हुआ और सुभाष ने वादा किया कि वह उसे पत्नी का दर्जा देकर जीवनभर साथ रखेगा। वह जहां-जहां जाता, उसे साथ ले जाता, और हर किसी के सामने उसे अपनी पत्नी की तरह पेश करता।

  आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए
रीता देवी ने बताया कि एक दिन परिवार के लोगों और उसके पति ने दोनों को आपत्तिजनक अवस्था में देख लिया था। इसके बावजूद, सुभाष ने उसे पैसे का लालच दिया और कहा कि उसका पति मानसिक रूप से बीमार है, इसलिए वह उसके साथ जिंदगी बिताए। इस भरोसे पर रीता ने उसे अपना सब कुछ सौंप दिया। लेकिन जब पीड़िता पूरी तरह से भावनात्मक और सामाजिक रूप से टूट चुकी थी, सुभाष ने उसे छोड़ दिया और भाग गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि सुभाष इस समय गांव में ही है, लेकिन उसके परिवार वाले उसे छिपा कर रखे हुए हैं।

अब न मैं अपने पति की रही, न देवर की...
रीता देवी की आंखों में अब आंसू के अलावा कुछ नहीं बचा। उसने कहा, “अब न मैं अपने पति की रही और न ही उस धोखेबाज देवर की। समाज और परिवार से भी नाता टूट चुका है।” इस मामले पर जमुई महिला थाना प्रभारी प्रीति कुमारी ने बताया कि पीड़िता की ओर से लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस केस का एक हिस्सा बेंगलुरु से भी जुड़ा है, इसलिए जांच को और भी विस्तार से किया जा रहा है।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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