शेरो शायरी का भी शौक रखते थे जेटली, जानिए कब-कब देखने को मिला उनका शायराना अंदाज़
punjabkesari.in Saturday, Aug 24, 2019 - 01:45 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। आज दोपहर 12.7 बजे उन्होंने एम्स में आखिरी सांस ली। यह तो हम सभी जानते हैं कि अरुण जेटली ब्लॉग के जरिए कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखते थे। हालांकि बहुत कम लोग यह जानते हैं कि बेहद गंभीर स्वभाव वाले जेटली शेरो-शायरी का भी शौक रखते थे।
अरुण जेटली का शायराना अंदाज बजट पेश करते समय देखने को मिला। कई बार उन्होंने शायरियों के बल पर ही विपक्ष पर काफी अच्छे से तंज कसा है। अपनी इन शायरियों को लेकर अरुण जेटली काफी चर्चा में भी रह चुके हैं। पढ़िए कब-कब शायराना हुए थे अरुण जेटली:-
2015 के बजट पेश के दौरान जेटली की शायरी
कुछ तो फूल खिलाये हमने
और कुछ फूल खिलाने हैं,
मुश्किल ये है बाग में
अब तक कांटें कई पुराने हैं।
साल 2016-17 के बजट भाषण के बीच कहा -
'इस मोड़ पर घबरा के थम न जाइये आप
जो बात नयी है उसे अपनाइए आप
डरते हैं नयी राह पे क्यों चलने से
हम आगे-आगे चलते हैं आजाइए आप'
आम बजट में कालेधन का जिक्र होने पर जेटली ने पेश किया-
'नई दुनिया है, नया दौर है, नई है उमंग
कुछ थे पहले के तरीके, तो हैं कुछ आज के ढंग
रोशनी आकर अंधेरों से जो टकरायी है
काले धन को भी बदलना पड़ा, आज अपना रंग'
साल 2017 के बजट में जेटली ने पढ़ी ये शायरी-
इस मोड़ पर घबरा कर न थम जाइए आप,
जो बात नई है अपनाइए आप,
डरते हैं क्यों नई राह पर चलने से आप,
हम आगे आगे चलते हैं आइए आप।