जयशंकर ने कहा-ट्रंप का बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर कदम भारत के लिए फायदेमंद, चीन से संबंधों की नई राह पर भी की बात
punjabkesari.in Thursday, Mar 06, 2025 - 06:58 PM (IST)

International Desk: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जो भारत के हितों के अनुकूल है। इसके साथ ही दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर भी सहमति जताई है। चैथम हाउस थिंक-टैंक में बुधवार को आयोजित एक सत्र में विदेश मंत्री ने रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की भूमिका, ब्रिक्स देशों की प्रगति, चीन के साथ संबंधों और अन्य विदेश नीति मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत उन कुछ देशों में से है जो रूस और यूक्रेन दोनों के साथ विभिन्न स्तरों पर नियमित बातचीत करते रहे हैं। जहां भी यह महसूस हुआ कि भारत कुछ कर सकता है, हम हमेशा इसके बारे में खुले दिमाग से सोचते रहे हैं।’’
अमेरिकी प्रशासन पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘हम एक ऐसे राष्ट्रपति और प्रशासन को देख रहे हैं जो बहुध्रुवीयता की दिशा में बढ़ रहा है, और यह भारत के अनुकूल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप का दृष्टिकोण हमारे लिए एक बड़ा साझा उपक्रम ‘क्वाड’ के रूप में सामने आता है, जिसमें हर कोई अपना उचित हिस्सा देता है।’’ ‘क्वाड’ में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। विदेश मंत्री ने अमेरिकी शुल्क नीतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय वाशिंगटन में द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बैठक की थी। जयशंकर ने कहा, ‘‘हमने शुल्क के मुद्दे पर खुलकर चर्चा की, और इस बातचीत का परिणाम यह हुआ कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए।’’ ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर जयशंकर ने कहा कि यह एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन वह आशावादी हैं और उम्मीद करते हैं कि इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा।
चीन के संबंधों पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के संबंध अनोखे हैं क्योंकि केवल दोनों देशों की जनसंख्या दो अरब से अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा संबंध चाहते हैं, जिसमें हमारे दोनों देशों के हितों का सम्मान हो और जो हम दोनों के लिए लाभकारी हो।’’ कश्मीर मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था, और तीसरा कदम चुनाव कराना था जिसमें भारी मतदान हुआ।’’ उन्होंने आश्वासन दिया कि जब कश्मीर के उस हिस्से को वापस लाया जाएगा जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, तब कश्मीर का समाधान होगा।