विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान- लंबे समय से अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा भारत
punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2023 - 05:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने वैश्वीकरण युग के नाम पर बहुत लंबे समय तक "अनुचित प्रतिस्पर्धा" को झेला है। अगर प्रतिस्पर्धा अनुचित है तो भारत के पास इसे रद्द करने की क्षमता होनी चाहिए। FICCI की 96वीं वार्षिक आम बैठक में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि इतिहास भारत के पक्ष में है और हर योग्य सूचकांक भारत के पक्ष में काम कर रहा है।
जयशंकर ने कहा- "देश और विदेश दोनों जगह हमारे लिए अनुचित प्रतिस्पर्धा से सुरक्षा वास्तव में एक चुनौती है। हम डेटा कैसे प्राप्त करते हैं? हम समझ कैसे बनाते हैं... हम यह कैसे सुनिश्चित करते हैं कि यह नीतियों में शामिल हो? तो फिर कैसे क्या हम अपनी सुरक्षा का निर्माण करते हैं? और हम अनुचित प्रतिस्पर्धा के खिलाफ कैसे कार्रवाई करते हैं, क्योंकि बहुत लंबे समय से भारत ने वैश्वीकरण युग के नाम पर अनुचित प्रतिस्पर्धा को झेला है, ऐसा ही होता है।"
उन्होंने कहा- "हमें इसके साथ नहीं रहना है। यदि प्रतिस्पर्धा अनुचित है, तो हमारे पास इसे चुनौती देने की क्षमता होनी चाहिए और आखिरकार, हम भारत के वैश्वीकरण में कैसे मदद कर सकते हैं क्योंकि दुनिया वैश्वीकरण कर रही है। इतिहास हमारे पक्ष में है। हर कोई मापने योग्य सूचकांक हमारे पक्ष में काम कर रहा है। अगले 25 वर्ष केवल भारत के 'विकसित भारत' के रूप में आगे बढ़ने के लिए नहीं है, बल्कि असल में एक विकसित भारत के रूप में दुनिया के बढ़ने के भी संकेत हैं। यानि विश्व भारत की विकास यात्रा के साथ आगे बढ़ेगा।
समय के साथ दुनिया में भारत की बदल रही स्थिति पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि 15 साल पहले भारत को दुनिया का बैक ऑफिस कहा जाता था। आज भारत को "दुनिया की फार्मेसी, दुनिया का डिजाइनर और दुनिया का निर्माता कहा जाता है।
भारत की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए जयशंकर ने कहा कि जब हम अपनी उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, तो यह कुछ वास्तविक, समसामयिक और बाकी दुनिया के लिए प्रभावशाली होता है। मैं वैक्सीन हमारे द्वारा प्रदान की गई दवाएं, 5जी स्टैक जैसे विषयों पर बातचीत करता हूं। हम यूपीआई भुगतान शुरू कर रहे हैं, जो अन्य सभी प्रतिस्पर्धी स्रोतों को बौना बना देता है। हम खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं। ये लंबे समय से चली आ रही समस्याएं हैं, लेकिन जिसका हमें बेहतर से बेहतर समाधान ढूंढने की जरूरत है।