65 मीटर ऊंचा...20 एकड़ भूमि में बना जगन्नाथ मंदिर, कल से कर सकेंगे दर्शन

punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 05:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क : पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में समुद्र तट पर स्थित पर्यटन शहर दीघा में नवनिर्मित ‘जगन्नाथधाम' का बुधवार को ‘अक्षय तृतीया' के अवसर पर उद्घाटन किया जाएगा। यह मंदिर पुरी स्थित 12वीं सदी के मंदिर की प्रतिकृति है। एक अधिकारी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ का मंदिर इस परियोजना का अभिन्न अंग है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर को 20 एकड़ भूमि पर बनाया गया है और इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि लगभग 65 मीटर ऊंचा यह मंदिर जटिल नक्काशी और पारंपरिक डिजाइन का मिश्रण है।

अधिकारी ने बताया कि पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की तरह दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर को भी गर्भगृह विमान, जगमोहन, नट मंदिर (नृत्य कक्ष) और भोग मंडप नामक चार मंडपों में विभाजित किया गया है जो इतिहास और परंपरा से समृद्ध हिंदू आस्था की जीवंत झलक दिखाते हैं। दीघा मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां प्राचीन पुरी जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों की प्रतिकृतियां हैं और इन्हें पत्थर से तराशा गया है। पुरी मंदिर की तरह दीघा जगन्नाथ मंदिर के ऊपर भी हर शाम ध्वज फहराया जाएगा। मंदिर में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण यानी सभी चारों दिशाओं से प्रवेश किया जा सकता है।

अधिकारी ने बताया कि मुख्य द्वार से प्रवेश करने के बाद अरुण स्तंभ है, फिर सिंह द्वार और उसके ठीक सामने व्याघ्र द्वार है। मंदिर में हस्ति द्वार और अश्व द्वार भी हैं। मंदिर के गुंबद से लेकर हर दरवाजे को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। खास तौर पर उद्घाटन के दिन ‘लेजर शो' और ‘डायनामिक लाइट शो' होगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि यह मंदिर अगले कई हजार वर्षों तक लोगों के समागम स्थल के रूप में काम करेगा।

बनर्जी ने कहा था, ‘‘दीघा अंतरराष्ट्रीय आकर्षण का एक पर्यटक केंद्र बन जाएगा। यह सद्भाव का स्थान बनेगा।'' उन्होंने कहा था, ‘‘समुद्र के कारण दीघा का एक विशेष आकर्षण है। अब अगर यह तीर्थस्थल बन जाता है, तो और अधिक पर्यटक यहां आएंगे। मुझे लगता है कि मूर्तिकारों ने शानदार काम किया है।'' दीघा पूर्व मेदिनीपुर जिले में एक लोकप्रिय समुद्री ‘रिसॉर्ट' शहर है।


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News Editor

Parveen Kumar

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