वर्ष 2018 में पंचायत चुनाव का बहिष्कार करना ‘बड़ी गलती'' थी : फारूक अब्दुल्ला
punjabkesari.in Monday, Dec 05, 2022 - 09:47 PM (IST)
श्रीनगरः नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के एक बार फिर निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2018 में संपन्न पंचायत चुनाव का बहिष्कार करना ‘बड़ी गलती' थी और पार्टी को भविष्य में जम्मू-कश्मीर के हर चुनाव में हिस्सा लेना चाहिए। अब्दुल्ला ने इसके साथ ही सरकार और सुरक्षा बलों को चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने हाल में पार्टी की बैठक में अपने स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने की इच्छा जताई थी। दोबारा अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि वह पद को छोड़ना चाहते थे, ताकि पार्टी का नेतृत्व युवा करे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस पद पर बने रहने के लिये राजी किया गया, क्योंकि ‘‘हम बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।''
नेकां प्रतिनिधियों के सत्र को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि पार्टी ने पंचायत चुनाव (2018) का जो बहिष्कार किया था, वह बहुत बड़ी गलती थी। यह याद रखिए कि हम आने वाले किसी भी चुनाव का बहिष्कार नहीं करेंगे। इसके बजाय उन्हें (चुनाव को) जीतने के लिए लड़ेंगे।''इस सत्र में अब्दुल्ला को नेकां का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया।
अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर जबतक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैं आपको (उमर अब्दुल्ला)निर्देश देता हूं कि आपको चुनाव लड़ना है। अगर हमें उनसे लड़ना है, तो हम सभी को मैदान में उतरना होगा और चुनाव लड़ना होगा।'' पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भाजपा कुछ भी कर सकती है, यहां तक वह आपकी निष्ठा को भी खरीदने की कोशिश कर सकती है, लेकिन वह अपने सभी मंसूबों में नाकाम होगी।''
अब्दुल्ला ने सुरक्षा बलों और सरकार को जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में किसी भी हस्तक्षेप से बचने की चेतावनी दी और कहा कि ‘‘लोगों को तय करने दें कि किसे मत देना है। अन्यथा ऐसा तूफान आएगा, जिसे आप नियंत्रित नहीं कर पाएंगे।'' नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता ने इसके साथ ही चुनाव में गडबड़ी होने की स्थिति में आंदोलन करने की धमकी दी। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी जान को कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। फारूक अब्दुल्ला पहला व्यक्ति होगा, जो इसके खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा।''
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